जयपुर। राजनीति के जादूगर कहलाए जाने वाले राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज जयपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से रूबरू होते हुए कही इन बातों ने तहलका मचा दिया है. जहां इतने महिनों से गहलोत बीमार चल रहे थे उसके बाद अब गहलोत का स्वास्थय ठीक होने के बाद ये दूसरा बयान है. जाने क्या कहा है गहलोत ने…
देश में हिंसा का माहौल बनाया जा रहा है
एयरपोर्ट पर मीडिया से मुखातिब होते हुए अशोक गहलोत ने कहा की आतंकवादियों से लड़तेशहिद हुए और वे कोग्रेंस परिवार का अहम हिस्सा थे, अगर उनका पौता ये बात कहेगा की ये हमें स्वीकार है, इसपर बोलने का किसी को अधिकारी भी नहीं है. किसी नागरीक को किसी के बारे में जो भाषा राहुल गांधी के बारे में बोली जा रही है, कोई आतंकवादी बता रहा है तो कोई दादी की तरह इनकी हत्या हो जाएगी, कोई कहता है इनकी जीब काट दूंगा. ये इस देश के अंदर में पहली बार मैं सुन रहा हूं कि कोई इस प्रकार की भाषा बोल रहा है. जो बीजेपी से संबधित नेता लोग है, बीजेपी, आरएसएस कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही है. दुख इस बात का है अगर कोई बेवकुफि कर देता तो उनकी पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व राजनाथ सिंह है इनकी पार्टी के किसी भी नेता ने ये भी नहीं कहा की ये बात गलत है. पहली बार में देख रहा हूं की देश के अंदर इस प्रकार का माहोल क्यों बनाया जा रहा है. गांधी जी कि हत्या होने से पहले देश में हिंसा का माहौल बनाया गया था और अब भी हिंसा का माहौल बनाया जा रहा है. ये मैं समझता हूं कि गलत है. आज जो देश पर हुकूमत करने वाले लोग है वो चूप क्यों है उन्हें देश को जवाब देना चाहिए.
हरियाणा चुनाव में कोंग्रेस कि एकतरफा जीत
हरियाणा चुनाव कोंग्रेस जीत रही है. एकतरफा जीत कोंग्रेसकी हो रही है. अच्छा माहौल है, सब एकजुट है. वहीं राजस्थान में बनाए नए जिलों को खत्म करने में लगी भजनलाल सरकार के लिए गहलोत ले कह की अगर आप हरियाणा में जाएंगे तो हर 40 किमी पर जिला मिलेगा. ये तो स्वयं कि पॉलिसी होनी चाहिए की आप किस प्रकार से जिलों को मेनेज करते हो. छोटा हो या बड़ा जिला हो. एक हमारी सरकार के समय हमने छोटे जिले का प्रयोग किया भी है. उसको हमने प्रयोग के रूप में किया था. अगर प्रयोग सफल होता है तो उसको जिला रखिएगा और बनाइगाआगे. इतने बड़े प्रदेश के अंदर रेगिस्तान के इलाके भी है दूर-दूर बसें हुए गांव है जितने ज्यादा घेरे बनाएंगे और जिले बनाने कि गुंजाइश मैं मानता हूं राजस्थान के अंदर और जिले बनने चाहिए. जिससे प्रशासनिक इकाईयां हों और लोगों को तकलिफ ना हों दूर जाने में या संभाग मुख्यालय पर जाने में और जिला स्तर पर जाने में कोई परेशानी ना हों. अब सरकार कि सोच क्या है वो तो सरकार जाने.