जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय (Rajasthan University) के छात्र संघ पदाधिकारियों को कार्यालय खाली करने के यूनिवर्सिटी प्रशासन का अल्टीमेटम खोखला साबित हो रहा हैं। एकेडमिक सत्र समाप्ति होने के बाद करीब 20 दिन बाद तक भी आरयू प्रशासन पदाधिकारियों से कार्यालय खाली नहीं करवा पाया है। इसे विवि प्रशासन की लाचारी माने या चाहे छात्र नेताओं के साथ मिलीभगत, दोनों ही हालत में प्रशासन की खासी किरकिरी हो रहीं है। दरअसल प्रदेश में राजस्थान विश्वविद्यालय समेत सभी विश्वविद्यालय का वर्ष 2022- 23 का एकेडमिक सत्र 29 अप्रैल को समाप्त हो चुका हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय में सत्र समाप्त होने के बाद छात्रसंघ के पदाधिकारियों को कार्यालय खाली करने का नोटिस 1 मई को ही दे दिया था। पदाधिकारियों को दस दिन में कार्यालय खाली करने सामान भी डीएसडब्ल्यू प्रशासन को सुपुर्द करने के निर्देश दिए।
आखिर क्यों नहीं हुए खाली
नोटिस के करीब 20 दिन बाद भी छात्र संघ पदाधिकारियों का कार्यालय खाली नहीं करवाना यूनिवर्सिटी प्रशासन पर कई सवाल खड़े करता है। आखिर किसकी शह पर छात्रनेताओं को खुली छूट मिली हुई हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन की ऐसी क्या मजबूरी हैजिसके चलते वो कार्रवाई नहीं कर पा रहा हैं। नेताओं के दबाव से कार्यालय खाली नहीं करवाने से यूनिवर्सिटी प्रशासन को हर दिन हजारों रुपये की चपत लग रही हैं। ऐसे में जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से क्यों बच रहें है। स्टूडेंट्स के पैसो का दुरुपयोग क्यों हो रहा है।
कर्मचारियों और बिजली पर हो रहा है रोजाना खर्च
छात्र संघ कार्यालयों में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कई कार्मिक दिए हुए है, जो कार्यालय में काम करते है। प्रशासन ने अध्यक्ष कार्यालय में 4, महासचिव कार्यालय में 3 और उपाध्यक्ष व संयुक्त सचिव कार्यालय में 1-1 कार्मिक दिया हुआ हैं। वहीँ शोध छात्र संघ कार्यालय में भी 2 कार्मिक दिए हुए है। ऐसे में शैक्षणिक सत्र समाप्त होने बावजूद भी उनका वित्तीय भार यूनिवर्सिटी को उठाना पड़ रहा हैं। वहीं गर्मियों में कार्यालय पर बिजली के बिलों की भरपाई प्रशासन को ही करना हैं। ऐसे में विवि प्रशासन ने कार्यालय खाली नहीं करवाने के साथ कार्मिको की ड्यूटी भी न हटाना कही न कही लापरवाही नजर रही हैं।
अगस्त में हुए थे चुनाव
राजस्थान विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2022-23 की प्रवेश प्रक्रिया जून में शुरू हुई थी, फिर सत्र आरंभ होने के बाद राजस्थान विवि और विवि के संघटक और सम्बद्ध कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव गत वर्ष 26 अगस्त में करवाए गए थे। इसमें छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में निर्दलीय प्रत्याशी निर्मल चौधरी और महासचिव के रूप में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अरविंद जाजड़ा विजयी रहे।
इनका कहना है…
डीएसडब्ल्यू नरेश मलिक ने कहा कि विवि का एकेडमिक सत्र 29 अप्रैल को समाप्त हो गया था। 1 मई छात्रसंघ के पदाधिकारियों को नोटिस जारी कर 10 दिन में कार्यालय खाली करने के निर्देश दिए थे। 10 दिनों में कार्यालय खाली नहीं करने पर चीफ प्रॉक्टर को पत्र लिखकर कार्रवाई कर सूचित करने का निर्देश दिया हैं। कुलपति से अनुमति के बाद आगामी कार्रवाई प्रॉक्टरल बोर्ड ही करेगा। वहीं, चीफ प्रॉक्टर एच एस पलसानिया का कहना है कि टाइम आने पर कार्रवाई करेंगे। पुरानी परिपाटी के अनुसार ही काम होगा। नेताओं की भी सुननी पड़ती है। छुट्टियों की वजह से खाली नहीं करवा पाते हैं।