जयपुर। राजधानी जयपुर में लूट के लिए अपहरण कर टैक्सी ड्राइवर हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने हत्याकांड के 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं एक नाबालिग को डिटेन किया है। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। पुलिस की पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि मौज-मस्ती करने के लिए उनके साथ चार दोस्तों ने कार लूटने की साजिश रची।
बदमाशों ने पहले ही तय कर लिया था कि जो भी टैक्सी वो किराए पर लेंगे, उसके ड्राइवर को बीच रास्ते में मार देंगे। प्लान के अनुसार, बदमाशों ने लूट के लिए उन्होंने कार में ही ड्राइवर का गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया। बदमाशों ने हादसा दिखाने के लिए युवक के शव को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। लेकिन, आरोपियों की एक छोटी सी गलती से पुलिस ने हत्या की वारदात की गुत्थी सुलझा ली।
टैक्सी ड्राइवर की हत्या के बाद बदमाश उसकी कार लेकर भागना चाहते थे, लेकिन कार की नंबर प्लेट के कारण पुलिस से पकड़े जाने का डर था। बस बदमाश यहां से बड़ी गलती कर बैठे जिसके चलते पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
वारदात के बाद बदमाश कार की नंबर प्लेट को हटाना चाहते थे। बस यहीं पर बदमाश बड़ी गलती कर बैठे। बदमाशों ने कार की नंबर प्लेट को उखाड़ने के लिए अपने एक दोस्त को कॉल कर प्लास मंगवाया। पुलिस को यही वो सुराग मिला, जिसके चलते हत्या की ये गुत्थी 10 दिन बाद सुलझ पाई।
दक्षिण डीसीपी योगेश गोयल ने बताया जयपुर के महेश नगर थाने में बाड़ी (धौलपुर) के रहने वाले दिव्यांश मीणा (22) ने गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। दिव्यांश मीणा ने शिकायत में बताया कि उसका बड़ा भाई श्रीचंद मीणा (47) जयपुर की सैनी कॉलोनी में रहता है। श्रीचंद मीणा जयपुर में टैक्सी चलाता है। 18 अगस्त रात 9 बजे से उसका बड़ा भाई श्रीचंद मीणा लापता है। उसका मोबाइल भी बंद आ रहा है। पुलिस ने लापता श्रीचंद मीणा को ढूंढने के लिए मोबाइल कॉल डिटेल निकलवाई।
संदिग्ध मोबाइल नंबर मिला बंद…
दक्षिण डीसीपी योगेश गोयल ने बताया कि लापता श्रीचंद मीणा के मोबाइल पर रात 8 बजे से 9 बजे तक एक संदिग्ध मोबाइल नंबर से कॉल आए हैं। उन नंबरों पर संपर्क करने पर वह मोबाइल स्विच ऑफ मिला। संदिग्ध मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकलवाई गई तो पता चला कि नंबर से 17-18 अगस्त को श्रीचंद मीणा के अलावा तीन और मोबाइल नंबर से संपर्क किया गया था।
पुलिस ने तीनों मोबाइल नंबर वाले व्यक्तियों से संपर्क किया। पुलिस ने जांच में पता चला तीनों व्यक्ति ड्राइवर हैं और ओला-ऊबर कंपनी में गाड़ियां चलाते हैं। 17-18 अगस्त को एक लड़के ने उन्हें कॉल किया था। कॉल करने वाले ने उन्हें बताया कि हम प्रतापनगर से बोल रहे हैं। हम चार लोग हैं और खाटूश्यामजी दर्शन करने जाना है।
तीनों टैक्सी ड्राइवरों ने पुलिस को बताया हमने खाटूश्यामजी जाने वाले चारों लोगों की आईडी और 2 हजार रुपए एडवांस भेजने को कहा था। काफी देर तक इंतजार करने के बाद न तो उन्होंने आईडी भेजी और न ही कोई पैसे एडवांस में ट्रांसफर किए। कुछ देर बाद हमने कॉन्टैक्ट किया तो मोबाइल स्विच ऑफ मिला। इसलिए तीनों ही कार बुक करने वालों के साथ नहीं जा पाए। वो तीनों बच गए।
मोबाइल नंबरों से बदमाशों तक पहुंची पुलिस…
पुलिस के लिए हत्या की गुत्थी सुलझाना आसान नहीं थी। क्योंकि बदमाशों ने जिस नंबर से फोन किया था वो नई सिम थी। उस सिम से दो ही दिन 17-18 अगस्त को ही कॉल किए गए थे। इससे पहले और बाद में एक दूसरा नंबर इस्तेमाल हुआ था। पुलिस ने दोनों मोबाइल नंबरों के बारे में पता कर लिया और कोटखावदा के रहने वाले लालचंद मीणा के घर जा पहुंची।
पुलिस की पूछताछ में लालचंद मीणा ने बताया कि ये मोबाइल नंबर छोटा भाई गोविंद मीणा उर्फ गोपी मीणा काम में लेता है। परिजनों ने उसे घर से निकाल रखा है। घरवालों ने बताया कि गोविन्द के बारे में जयपुर रहने वाला उसका दोस्त रामकेश गुर्जर बता सकता है। इसके बाद पुलिस ने रामकेश गुर्जर का पता ढूंढा। पुलिस जब रामकेश गुर्जर के पास पहुंची और पूछताछ की तो उसनने बताया कि वह पिछले करीब ढाई महीने से गोविंद से नहीं मिला। उसके बारे में उसके गांव रहने वाले दोस्त अजय मीणा या भरत मीणा जानकारी दे सकते हैं।
हत्यारे के दोस्त तक पहुंच गई पुलिस…
इसके बाद पुलिस टीम गोविन्द मीणा का पता करते हुए उसके दोस्त अजय मीणा तक जा पहुंची। गोविंद के बारे में पूछने पर अजय ने बताया कि 18 अगस्त की देर रात करीब 3 बजे गोविंद ने उसे फोन किया था। गोविंद ने कॉल उसके किसी सूरज नाम के दोस्त के फोन से किया था। फोन पर कहा- जल्दी से प्लास लेकर रोड के ऊपर सरकारी स्कूल के पास आ जा। मौके पर पहुंचे अजय ने देखा कि एक स्विफ्ट कार के पास गोविन्द मीणा अपने दोस्त सूरज मीणा, अशोक मीणा उर्फ रिंकू मीणा और प्रकाश मीणा के साथ खड़ा था।
पूछने पर बोला- ड्राइवर को मार डाला…
पुलिस को पूछताछ में अजय ने बताया कि कार का आगे और ड्राइवर की तरफ का शीशा टूटा हुआ था। अजय के जब पूछा कि ये कार कहां से लाए तो गोविंद ने जवाब दिया कि हमने इस गाड़ी के ड्राइवर को मार दिया है। गोविंद ने प्लास लेकर कार की नंबर प्लेट खोलकर डिग्गी में रख ली। प्लास को भी डिग्गी में डालकर चारों कोटखावदा से जयपुर की तरफ रवाना हो गए। इनके जाने के बाद वह अपने घर जाकर सो गया।
उसी रात लाश ठिकाने लगाई…
अजय ने बताया कि 19 अगस्त की शाम करीब 6-7 बजे वह मंदिर से वापस घर लौट रहा था। स्कूल के पास सूरज मीणा, अशोक उर्फ रिंकू और गोविंद मीणा उसी गाड़ी में बैठे मिले। बातचीत में उन्होंने बताया कि हमने इस गाड़ी के ड्राइवर को खाटूश्यामजी के लिए किराए पर बुक किया था। रास्ते में तौलिए से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। लाश को जगतपुरा से कानोता की तरफ ट्रेन की पटरी पर डाल दिया। उसके मोबाइल को भी तोड़ दिया। तीनों उस कार को लेकर वहां से निकल गए। अजय को हत्या के सारे राज पता थे, लेकिन उसने पुलिस को इसकी कोई जानकारी नहीं दी।
इस मामले में गिरफ्तार हत्यारों के दोस्त आरोपी अजय ने पुलिस को बताया कि जिसने कार बुक करवाई वह उसका दोस्त गोविंद है। गोविंद इससे पहले भी श्रीचंद की कार से सवाईमाधोपुर घूम चुका था। जब कोई भी कार ड्राइवर राजी नहीं हुआ तो गोविंद ने श्रीचंद को ही फोन किया। पहचान और भरोसा होने के कारण श्रीचंद मीणा चलने के लिए तैयार हो गया। इसके बाद श्रीचंद मीणा ने चारों दोस्तों को प्रतापनगर से उसने रात को करीब 9 बजे पिक किया और खाटूश्याम जी जाने के लिए सीकर रोड पर निकल गए।
अजय ने बताया कि लगातार कार चलाने से श्रीचंद उस रात थका हुआ था। ऐसे में गोविंद ने कहा वह कार चला लेगा। गोविंद ने कार चलाते हुए टाटियावास टोल प्लाजा से पहले एक सुनसान रास्ते पर लेकर चला गया। इसके बाद कार के पीछे की सीट पर बैठे अशोक उर्फ रिंकू ने तौलिए से श्रीचंद का मुंह दबा दिया। फिर तीनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। ड्राइवर को मारने के बाद गाड़ी आगरा रोड पर ले गए और कोटखावदा जाकर अपने दोस्त को कॉल कर प्लास मंगवाया। ताकि नंबर प्लेट उतार कर अंदर रख सकें।
दो बदमाश गिरफ्तार, एक नाबालिग डिटेन…मुख्य आरोपी अभी भी फरार
महेश नगर थानाधिकारी महेश कुमार ने बताया कि हत्या के मामले में आरोपी अजय पाल मीणा (22) पुत्र रामधन मीणा निवासी बृजराजपुरा कोटखावदा और अशोक उर्फ रिंकू (21) पुत्र कजोड़मल मीणा निवासी काशीपुरा कोटखावदा को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके नाबालिग एक साथी को भी पकड़ा है। सोमवार रात दबिश देकर अशोक उर्फ रिंकू को कोटखावदा से पकड़ा है। इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता गोविंद अभी फरार है, पुलिस उसकी तलाश कर रही है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से लूटी गई स्विफ्ट डिजायर कार भी बरामद कर ली है।