केंद्र सरकार ने आम जनता को रसोई गैस में बड़ी राहत देने के बाद अब सरकार ने मनरेगा मजदूरों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने अब मनरेगा मजदूरों के लिए आधार वेरिफिकेशन की तारीख बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दी है। सरकार ने 28 फरवरी से बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन लागू करने का फैसला लिया था। इस फैसले के बाद जिन मजदूरों का वेरिफिकेशन नहीं हुआ था उन्हें काम मिलना बंद हो गया था। अब सरकार के इस फैसले के बाद इन मजदूरों को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार ने राज्यों को चिट्ठी लिखकर इसकी सूचना दी है। अब राज्य के नागरिकों को बिना आधार नंबर के काम के लिए मना नहीं कर सकते हैं। माना जा रहा है कि सरकार इस डेडलाइन को 31 दिसंबर से भी आगे बढ़ा सकती है।
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केंद्र सरकार ने 28 फरवरी से स्कीम के लिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन लागू करने का निर्णय लिया था। जिसे सरकार ने 31 दिसंबर तक बढ़ाने का फैसला किया है। वैसे सरकार बाद में इस डेडलाइन को आगे बढ़ा सकती है। अब राज्य सरकारें बिन आधार नंबर के काम देने से इनकार नहीं कर सकती है। यह देखने को मिला है कि आधार पेमेंट ब्रिज सिस्टम यानी एपीबीएसए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का सबसे बेहतरीन तरीका है। जिससे लाभार्थियों को टाइम पर पेमेंट होती है। एक बार जब स्कीम के डेटाबेस के आधार डिटेल अपडेट हो जाती है तो लाभार्थी को लोकेशन या बैंक अकाउंट नंबर के चेंज होने पर अकाउंअ नंबर अपडेट करने की जरूरत नहीं होती।
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नरेगा में एपीबीएस 2017 से यूज हो रहा है। केंद्र सरकार ने एपीबीएस का एक्सपेंड करने का भी फैसला लिया है। पेमेंट एपीबीएस के माध्यम से सिर्फ एपीबीएस लिंक्ड अकाउंट में जाएगी। इसका मतलब यह है यह पेमेंट ट्रांसफर का एक सेफ और सही तरीका है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मौजूदा समय में कुल 14.33 करोड़ एक्टिव लाभार्थी हैं। जिनमें से 13.97 करोड़ आधार से लिंक हैं। इनमें से भी 13.34 करोड़ आधार ऑथेंटिक मिले हैं। इसके अलावा 81.89 फीसदी एक्टिव कर्मचारी एपीबीएस के लिए एलिजिबल हैं। जुलाई 2023 में लगभग 88.51 फीसदी सैलरी का पेमेंट एपीबीएस के थ्रू हुआ है।