Ganesh Chaturthi 2024 : अद्भुत है गणेश की यह नृत्य करती हुई प्रतिमा, वर्षो पहले चोरी होने के बाद सपना देकर लौट आई दिल्ली से वापस..

Ganesh Chaturthi 2024 : राजस्थान का करौली एक ऐसा शहर है, जो अपनी धार्मिक धरोहरों और मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है. राजस्थान में इसे धार्मिक…

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Ganesh Chaturthi 2024 : राजस्थान का करौली एक ऐसा शहर है, जो अपनी धार्मिक धरोहरों और मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है. राजस्थान में इसे धार्मिक नगरी के नाम से भी जाना जाता है. इस पावन भूमि पर अनगिनत मंदिरों के बीच बरपाड़ा मोहल्ले में स्थित सिद्ध गणेश मंदिर अपनी अनोखी प्रतिमा और चमत्कारी घटनाओं के कारण विशेष रूप से पहचान रखता है. जिसके दर्शन हम आपको गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर कराने जा रहे है. इस मंदिर में विराजमान गणेश प्रतिमा कोई साधारण मूर्ति नहीं, बल्कि एक ऐसी प्रतिमा है जो नृत्य करती हुई मुद्रा में है.

यह प्रतिमा न केवल अपनी कला के लिए अद्वितीय है, बल्कि इसकी दिव्यता और चमत्कारिक शक्तियों के लिए भी श्रद्धालुओं में इसके प्रति अपार श्रद्धा हैं.

इस मंदिर की स्थापना की कहानी भी दिलचस्प है. लगभग 275 साल पहले, एक संतानहीन दंपत्ति ने अपनी संतानों की इच्छा पूरी करने के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया.मान्यता है कि नृत्य करती इस गणेश प्रतिमा के दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. भक्तों की कहानियों में अक्सर इस प्रतिमा के चमत्कारों का जिक्र मिलता है.

लेकिन इस प्रतिमा की सबसे अनोखी कहानी वह है जो इसे चमत्कारिक रूप से वापस करौली लेकर आई.लगभग 80 साल पहले, इस प्रतिमा की चोरी हो गई थी, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया. लोगों ने प्रतिमा की खोजबीन की, लेकिन असफल रहे. लेकिन तभी गणेश जी ने स्वयं भक्तों के सपनों में आकर अपनी मौजूदगी का संकेत दिया. उन्होंने बताया कि वह दिल्ली के एक विशेष स्थान पर हैं .यह सपना भक्तों के लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं था.जब करौली के बुजुर्ग दिल्ली पहुंचे, तो उन्हें हजारों मूर्तियों के बीच यह प्रतिमा खोजनी थी, लेकिन गणेश जी ने फिर से एक संकेत दिया. उन्होंने बताया कि उनकी प्रतिमा से घुंघरू की आवाज सुनाई देगी. इस दिव्य संकेत के आधार पर बुजुर्गों ने प्रतिमा को पहचान लिया और उसे वापस करौली लेकर आए.आज से करीब 80 साल पहले इस प्रतिमा के आगमन पर पूरे शहर में जुलूस निकाला गया, और उसे विधिपूर्वक मंदिर में पुनः स्थापित किया गया.

आज भी यह मंदिर गणेश चतुर्थी पर हजारों श्रद्धालुओं का केंद्र बनता है. लोग दूर-दूर से यहां आकर सिद्ध गणेश के दर्शन करते हैं और अपनी इच्छाओं की पूर्ति की कामना करते हैं. इस प्राचीन मंदिर की धार्मिक महत्ता और इसकी चमत्कारी प्रतिमा की कहानी करौली के लोगों के दिलों में हमेशा जीवित रहेगी.