सरकार हर तरफ निशुल्क शिक्षा का दांवा तो कर रही है, लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ और ही है। सरकार ने हमें शिक्षा का अधिकार दिया है तो अधूरा क्यों दिया। हमने अभी तो प्रारंभिक शिक्षा भी पूरी नहीं की, उससे पहले ही शिक्षा के माफिया बन बैठे इन निजी स्कूलों ने हमसे हमारा अधिकार छीन लिया हैं। ये करुण पुकार उन आठ बच्चों की है जिनका आरटीई के तहत सत्र 2017- 18 में प्रवेश होने के बाद अब कक्षा 5 उत्तीर्ण करते ही स्कूल से बेदखल करने का प्रयास किया जा रहा है।
दरअसल कनिष्का, वैन्वी, अंशिका, विहान, समीर, नमन,युवराज के परिजनों ने आरोप लगया कि इन बच्चों का वर्ष 2017-18 में मालवीय नगर स्थित जयपुरिया बाल विद्यालय में आरटीआई के तहत प्रवेश हुआ था, लेकिन अब कक्षा 5 पास करने के बाद कक्षा 6 के प्रवेश के लिए 56 हजार का शुल्क मांग रहे हैं। परिजनों ने आरोप लगाया कि ऐसे विद्यालय की ओर से न तो प्रवेश दिया जा रहा है और न ही कोई लिखित में जवाब दे रहे हैं।
सबसे बड़े सवाल स्कूल
प्रशासन ने मार्क शीट पर स्कूल नंबर और एफीलिएशन नंबर भी कैसे मिटा दिया।
अब स्कूल मार्क शीट भी मानने को तैयार नहीं है।
1 कक्षा की दो अलग-अलग स्कूल के नाम से मार्क शीट कैसे जारी हो गई।
स्कूल ने मार्क शीट्स में किया खेल
मालवीय नगर में एक ही कैंपस में अलग-अलग नाम से स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। स्टूडेंट कनिष्का का प्रवेश पुष्प वाटिका (जो जयपुरिया बाल विद्यालय से जुड़ी है) में हुआ। उसके बाद कक्षा चार में जयपुरिया विद्यालय के नाम से मार्क शीट जारी हुई। वहीं एक ओर कक्षा चार की मार्क शीट में जयपुरिया बाल विद्यालय के नाम से जारी हुई है। एक की बच्चे की अलग-अलग स्कूल के नाम से मार्क शीट जारी होने से भी बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
स्कूल प्रशासन का अपना तर्क
अभिभावकों ने कहा कि स्कूल में प्रवेश नहीं देने का कारण पूछने पर स्कूल प्रशासन जवाब नहीं दे रहा है। प्रशासन का कहना है कि जिस स्कूल में इन बच्चों का प्रवेश हुआ था, वो स्कूल 2020 में ही बंद हो गया। अभिभावकों ने कहा कि अगर स्कूल 2020 में ही बंद हो गया था तो उसके बाद के दो सत्र में अध्यापन कैसे करवाया। वहीं सत्र शुरू होने से पहले सूचना क्यों नहीं दी गई।
स्कूल का मामला संज्ञान में आया है। कक्षा चार की दो अलग-अलग मार्क शीट जारी हुई है जो जांच का विषय है। इस मामले की जल्दी ही जांच कराई जाएगी। जांच के बाद ही कारणों का पता चलेगा- राजकुमार हंस, डीईओ
मंत्री तक लगाई गुहार, लेकिन एक्शन नहीं
बच्चों के परिजन लक्ष्मी, मीनूवर्मा सहित 8 लोगों ने स्कूल प्रशासन पर कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि हम गरीब परिवार से आते हैं और मजदूरी कर परिवार चलते हैं। उन्होंने बताया कि 5 साल पहले बच्चों का एडमिशन जयपुरिया बाल विद्यालय में आरटीई के तहत प्रवेश हुआ था, लेकिन इस सत्र में कक्षा 6 में प्रवेश देने से इनकार कर रहे हैं। विद्यालय की ओर से 56 हजार फीस की मांग कर रहे है। लक्ष्मी ने बताया कि स्कूल की शिकायत को लेकर शिक्षा संकुल, डीईओ, शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से भी मुलाकात कर समस्या सुनाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
9 से 12 तक के प्रवेश के लिए दिशा निर्देश जारी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से कक्षा 9 से 12 तक के बालकों के
लिए आरटीई में निशुल्क प्रवेश के शिक्षा विभाग ने दिशा निर्देश जारी किए
हैं। विभाग ने मुख्यमंत्री बालक फीस पुनर्भरण योजना में 30 मई तक पोर्टल
पर व्यवस्था करने, भौतिक सत्यापन करने और बालकों का सत्यापन और
डीबीटी से क़िस्त का पुनर्भरण करने का टाइम फ्रेम जारी किया है।