labor family beaten : झुंझुनूं। जिले के सिंघाना थाना क्षेत्र में मजदूर और उसके परिवार वालों की बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया है। इनका कसूर ये था कि इन्होंने मजदूरी के पैसे मांग थे। ये बात ईंट भट्टा संचालक को इतनी नागवार गुजरी की उसने लाठी-डंडों से इनकी पिटाई शुरू कर दी। इतना ही नहीं, बेल्स से भी बेरहमी से पिटाई की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। जिसमें ईंट भट्टा संचालक की क्रूरता साफ नजर आ रही है। वहीं, अब पीड़ित परिवार ने पुलिस के समक्ष मदद की गुहार लगाई है।
जानकारी के मुताबिक सिंघाना थाना इलाके के डूमोली गांव में श्रीराम ईंट भट्टे पर यूपी के सीतापुर और अलीगढ़ इलाके से आए मजदूरों को कई महीनों से मजदूरी के पैसे नहीं मिले है। जब मजदूरों ने वेतन की मांग की तो ईंट भट्टा संचालक के लोगों द्वारा मजदूर परिवार को लाठियों और बेल्ट से पीटा गया। इस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।
कई महीने से नहीं मिली मजदूरी
ईंट भट्टे पर काम करने आए यूपी के मजदूरों ने बताया कि इस पूरे सीजन काम कर रहे हैं। मगर ईट भट्टा संचालक की ओर से मजदूरी नहीं दी जा रही है । मजदूरी नहीं मिलने से मजदूर परिवारों को खाने के लाले पड़े हुए हैं । जब मजदूरी की मांग की जाती है तो ईट भट्टा संचालक के लोगों द्वारा मारपीट की जाती है । इसको लेकर सिंघाना पुलिस को भी शिकायत की गई मगर सिंघाना पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मजदूर परिवार सड़क पर बैठा तो हरकत में आई पुलिस
थक हार कर मजदूर परिवार सड़क पर बैठ गया। सड़क पर बैठते ही सिंघाना पुलिस हरकत में आई और आनन-फानन में सिंघाना थाना अधिकारी मौके पर पहुंचे। मजदूर परिवार को वहां से हटाते हुए मजदूर पक्ष के 2 लोगों को ही शांतिभंग में गिरफ्तार कर लिया । इसके बाद मजदूरों ने पुलिस को मारपीट का वीडियो दिखाया तो पुलिस हरकत में आई और ईट भट्टा संचालक के 2 लोगों को शांतिभंग में गिरफ्तार किया है ।
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अपराधियों पर कार्रवाई की बजाय ये बोलीं पुलिस
वीडियो वायरल होने के बाद सिंघाना थानाधिकारी भजना राम ने कहा कि ईंट भट्ठा संचालक और मजदूरों के बीच कोई लेनदेन का विवाद है। जिसे दोनों पार्टियों को बिठाकर निपटा देंगें। ऐसे में एक बार फिर सवाल खड़ा होता है की जिन्होंने मजदूर के साथ मारपीट की उन पर कार्रवाई करने की बजाय पुलिस के अधिकारी कह रहे हैं कि कोई विवाद है तो बैठ कर निपटा देंगे। ऐसे में पीड़ित मजदूरों को न्याय कैसे मिल पाएगा।
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