Old Pension Scheme: जयपुर। पुरानी पेंशन और 8वें वेतन आयोग के मुद्दे पर सरकारी कर्मचारी संयुक्त महासंघ और विभिन्न ट्रेड यूनियनों के कर्मचारी देशव्यापी हड़ताल पर रहे। केन्द्र सरकार द्वारा पुरानी पेंशन बहाल नहीं करने और आठवां वेतन आयोग गठित नहीं करने से कर्मचारियों ने भारी गुस्से का इजहार किया। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के बैनर तले राज्यभर में कर्मचारियों ने रैलियां निकाली, कलेक्ट्री पर सभाओं का आयोजन किया और विरोध प्रदर्शन किया।
जयपुर में कलेक्ट्रेट पर हुई विरोध सभा को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष महावीर शर्मा ने कहा कि केंद्र एवं राज्य कर्मियों में सरकार के रवैए के खिलाफ भारी आक्रोश है, जिससे आज देश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि केंद्र एवं राज्य कर्मचारी 8 दिसंबर 2022 से निरंतर आंदोलन कर रहे हैं, फिर भी सरकार कर्मचारियों की मांगों एवं आंदोलन की अनदेखी कर रही है। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र को मजबूत करने की बजाय सरकारी विभागों का निजीकरण कर रही है।
यह खबर भी पढ़ें:-‘कांग्रेस को मां कहकर 5 बार MLA बने, अब कह रहे हैं मेरी मां गद्दार निकली…इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ नहीं’ मालवीय पर डोटासरा का निशाना
इन कर्मचारी नेताओंने भी किया संबोधित
जयपुर कलेक्ट्रेट पर हुई सभा और विरोध प्रदर्शन को कर्मचारी सयं ुक्त महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष महावीर शर्मा, महामंत्री महावीर सिहाग, उपाध्यक्ष अर्जुन शर्मा, प्यारे लाल चौधरी, दशरथ सिंह राठौड़, नरेंद्र सिंह कविया, सुरेश धाभाई, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा और जयपुर शहर जिला अध्यक्ष हरिनारायण यादव , जयपुर ग्रामीण जिलाध्यक्ष राहुल टोडावत ने संबोधित किया। कारक्र्य म का संचालन महासंघ के जिलामंत्री रतन लाल प्रजापत ने किया।
लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमले का आरोप
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि जब बेरोजगारी चरम पर है तब केंद्र एवं राज्य सरकारों में करीब एक करोड़ पद रिक्त है। उन्होंने कहा कि सरकार इन पदों को नियमित भर्ती से भरकर बेरोजगारों को स्थाई रोजगार नहीं दे रही है। महामंत्री महावीर सिहाग ने कहा कि स्वीकृत रिक्त पदों के विरुद्ध भी मामूली संख्या में आउटसोर्स, दैनिक वेतनभोगी, ठेका संविदा आधार पर कर्मियों को लगाया जा रहा है, जहां न तो समान काम के लिए समान वेतन दिया जा रहा है और न ही सेवा सुरक्षा दी जा रही है।
कर्मचारियों ने ये मांगें उठाई
वक्ताओं ने कहा कि बिना अपील दलील के कर्मचारियों की सेवा बर्खास्त करने वाले संविधान के अनुच्छेद 311(2) ए, बी, सी को निरस्त किया जाए। कर्मचारियों को 18 महीने का बकाया डीए डीआर का भुगतान का भुगतान किया जाए, आयकर छूट की सीमा बढ़ाई जाए, लेबर कोड की वापसी की जाए। वक्ताओं ने इसके अलावा महंगाई पर रोक लगाने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करने, शिक्षा-नीति व बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेने की पुरजोर मांग की।
यह खबर भी पढ़ें:-पुलिस महकमे में बड़ा बदलाव…65 IPS सहित 39 जिलों के SP इधर-उधर