कोटा। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में जल्द ही बाघों का कुनबा बढ़ने वाला है, यहां जल्द एक-एक बाघिन छोड़ी जाएगी। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से कोटा-बूंदी के दोनों टाइगर रिजर्व को ये सौगात मिलने वाली है। दोनों टाइगर रिजर्व के विकास के लिए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय 8 करोड़ रूपए भी जारी करेगा।
इसे लेकर आज स्पीकर बिरला और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की मौजूदगी में मुकुंदरा हिल्स और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व को लेकर बैठक हुई। जिसमें स्पीकर बिरला ने इन टाइगर रिजर्व में बाघिन औक दूसरे वन्यजीवों को छोड़ने की बात कही। वहीं मिलने वाली 8 करोड़ रुपए का प्रयोग टाइगर रिजर्व क्षेत्र में वॉटर पाइंट, सुरक्षा संबंधी इंतजामों और दूसरे विकास कार्यों के लिए किया जाएगा।
राजस्थान में पहली बार आएंगे गौर
बैठक में मुकुंदरा और रामगढ़ में जिन अन्य वन्यजीवों को छोड़ने पर सहमति बनी उनमें गौर और वाइल्ड डॉग्स शामिल हैं। राजस्थान में पहली बार गौर को लाया जा रहा है। गौर दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया मे पाया जाने वाला एक बड़ा, काले लोम से ढका गोजातीय पशु है। आज इसकी सबसे बड़ी आबादी भारत में पाई जाती हैं। गौर जंगली मवेशियों मे से सबसे बड़ा होता है।
चम्बल में रिवर क्रूज की भी मिलेगी स्वीकृति
चम्बल नदी में रिवर क्रूज को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई। चंबल नदी में राष्ट्रीय घड़ियाल अभ्यारण्य होने के कारण उसमें रिवर क्रूज के संचालन के लिए केंद्रीय स्तर से स्वीकृति की आवश्यकता है। बैठक में तय किया गया कि आरटीडीसी या अन्य किसी एजेंसी से इस संबंध में प्रस्ताव आने पर उसे स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी। इस स्वीकृति के जारी होने के बाद चम्बल नदी में कोटा बैराज से जवाहर सागर तक रिवर क्रूज प्रारंभ होने की संभावना बढ़ जाएगी।
बता दें कि बैठक में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में महानिदेशक वन सीपी गोयल, एनटीसीए के सदस्य सचिव डा. एसपी यादव, राजस्थान सरकार के वन विभाग के प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल, लोक सभा में संयुक्त सचिव सिद्धार्थ महाजन, लोक सभा अध्यक्ष के ओएसडी राजीव दत्ता उपस्थित रहे।
( रिपोर्ट- योगेश जोशी)