अजमेर। दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने वाली निलंबित एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को रविवार को अवकाशकालीन न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें 4 अप्रैल तक के लिए रिमांड पर सौंप दिया गया है। रिमांड अवधि के दौरान मित्तल से एसओजी की टीम गहनता से पूछताछ करेगी। मित्तल ने एक साल पहले आरोपी सुनील नंदवानी को आदेश के बावजूद अन्य फाइलों में गिरफ्तार नहीं करके फायदा पहुंचाया था। इसी मामले के तहत दिव्या मित्तल को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया है।
एसओजी के एएसपी कमल सिंह ने बताया कि वर्ष 2021 में रामगंज और अलवर गेट थाने में दर्ज नशीली दवाओं के मामले की जांच 27 फरवरी 2023 को उनको सौंपी गई। जिसमें जांच करने पर सामने आया कि निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल ने जांच अधिकारी रहते आरोपी सुनील नंदवानी को रामगंज थाने के मुकदमा नम्बर 195 में गिरफ्तार कर रिमांड लिया और बाद में जेल भेज दिया। लेकिन, जब आरोपी सुनील नंदवानी की जमानत मिली तो इसका विरोध नहीं किया और उसे एडीजी के आदेश के बाद भी दो अन्य मामलों में गिरफ्तार नहीं किया।
यह कृत्य पूरी तरह से गैरकानूनी है और आरोपी को लाभ पहुंचाने का है। ऐसे में केस डायरी में पूर्व अनुसंधान अधिकारी दिव्या मित्तल के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 59 व आईपीसी की धारा 217 व 221 के तहत नोट डालकर गिरफ्तार कर लिया गया है। दिव्या मित्तल ने अनुसंधान अधिकारी रहते अपने कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया और आरोपी को लाभ पहुंचाया। मित्तल को न्यायाधीश के निवास पर पेश करके रिमांड की मांग की गई।
ऐसे में न्यायाधीश ने 4 अप्रैल तक के लिए दिव्या मित्तल को रिमांड पर सौंपा है। रिमांड अवधि के दौरान मित्तल से गहनता से पूछताछ की जाएगी। इस मामले में और कौन लोग संलिप्त है, इसकी भी जांच की जाएगी। जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
(इनपुट-नवीन वैष्णव)