Paper Leak Case : जयपुर। शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में एसओजी ने बुधवार को बड़ा खुलासा किया है। एसओजी ने दावा किया कि आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा ने ही शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक किया था। आरोपी कटारा ने ही उप प्रधानाचार्य रहे मास्टरमाइंड शेरसिंह मीणा को 60 लाख रुपए में पेपर बेचा था। इसके बाद शेरसिंह ने 80 लाख रुपए में भूपेंद्र सारण को पेपर दिया था। इधर, पेपर लीक मामले में पकड़े गए आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा सहित तीन आरोपियों को कोर्ट ने बुधवार को 29 अप्रैल तक एसओजी रिमांड पर भेज दिया है।
एडीजी एटीएस एसओजी अशोक राठौड़ ने बुधवार को जयपुर एसओजी कार्यालय में मीडिया से मुखाबित होते हुए कहा कि आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा ने ही शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक किया था। दिसम्बर से अब तक लगातार की जा रही जांच में सामने की शक आरपीएएससी के एक सदस्य की पेपर लीक में मिलीभगत है। हमे शुरू से ही शक था की इस बार किसी केंद्र से पेपर लीक नहीं हुआ है। माना जा रहा था कि आरपीएससी के किसी कर्मचारी या अधिकारी की मिलीभगत से ही पेपर लीक हुआ है। जांच के बाद हमारा शक सही निकला।
ओडिशा से पकड़े गए मास्टरमाइंड शेरसिंह ने भी पूछताछ में बताया था कि उसने बाबूलाल कटारा से पेपर लिया था। इसके बाद एसओजी ने जांच तेज की। दोषी पाए जाने पर आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा को मंगलवार को अजमेर स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया गया। साथ ही आरपीएससी में चालक गोपाल सिंह और कटारा के भांजे विजय डामोर को भी गिरफ्तार किया गया। एसओजी की टीम तीनों आरोपियों से लगातार पूछताछ में जुटी हुई है।
कटारा के पास था पेपर सेट करने का जिम्मा
एटीएस एसओजी एडीजी अशोक राठौड़ ने कहा कि पेपर सेट करने का जिम्मा बाबूलाल कटारा के पास था। कटारा ने पेपर शुरू होने से 2-3 हफ्ते पहले ही शेर सिंह को हाथ से लिखा पेपर दे दिया था। इसके ऐवज में शेरसिंह ने दो किस्तों में 60 लाख रुपए कटारा को दिए थे। शेर सिंह ने इस पेपर को जयपुर के शास्त्री नगर थाना इलाके में टाइप करा कर भूपेंद्र सारण को बेचा था। फिर भूपेंद्र सारण इस पेपर को आगे सर्कुलेट करता चला गया। आरोपियों ने पेपर को 5 लाख रुपए तक में अभ्यर्थियों को बेचा था। बाबूलाल के भांजा विजय कटारा का भी इसमें पूरा रोल था। शेर सिंह ने विजय कटारा को सोने का कड़ा गिफ्ट में दिया था।
सुरेश ढाका की तलाश में डूंगरपुर और चित्तौड़गढ़ में रेड
उन्होंने बताया कि शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में एसओजी की टीम कड़ी से कड़ी जोड़कर एक-एक गुनहगार को पकड़ने में लगी हुई है। इस मामले में सबसे पहले एसओजी ने सुरेश बिश्नाई को गिरफ्तार किया था। इसके बाद भूपेंद्र सारण को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में शेरसिंह का नाम सामने आने के बाद एसओजी ने उसे भी धर दबोचा। लेकिन, जब उसने पूछताछ में खुलासा किया कि आरपीएससी के सदस्य ने ही पेपर लीक करवाया है तो एसओजी ने जांच की स्पीड बढ़ा दी और दोषी पाए जाने पर बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार किया। हालांकि, अभी सुरेश ढाका एसओजी की गिरफ्त से दूर है। सुरेश ढाका की तलाश में सुबह से ही डूंगरपुर और चित्तौड़गढ़ में एसओजी की छापेमारी जारी है। एसओजी ने दावा किया है कि सुरेश ढाका जल्द ही पकड़ा जाएगा। इस मामले में अभी कुछ और आरोपी गिरफ्तार हो सकते है।
कटारा सहित तीनों आरोपी 29 अप्रैल तक रिमांड पर
इधर, एसओजी ने आरोपी आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा, उसके भांजे विजय कटारा और ड्राइवर गोपाल को आज उदयपुर में एसओजी कोर्ट में पेश किया गया। जहां से तीनों आरोपियों को 29 अप्रैल तक एसओजी रिमांड पर भेज दिया है। वहीं, रिमांड अवधि खत्म होने के बाद शेरसिंह मीणा को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया है। बता दें कि एसओजी की टीम ने मंगलवार को आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा और आरपीएससी के ड्राइवर गोपाल सिंह को अजमेर स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। एसओजी ने कटारा के भांजे अंकित कटारा को डूंगरपुर जिले के बगदारी रामपुर से गिरफ्तार किया था। एसओजी की टीम तीनों आरोपियों से गहनता से पूछताछ में जुटी हुई है। एसओजी की टीम अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपियों ने कैसे परीक्षा का पेपर मास्टर माइंड शेरसिंह मीणा तक पहुंचाया।