सीकर। बेटी के निकाह के 7 दिन पहले एक बिजनेस पिता ने सुसाइड कर लिया। बिजनेस ने दुकान के पंखे पर फंदा लगाकर जान दे दी है। आत्महत्या से पहले मृतक ने दुकान की टाइल्स और दो पन्नो पर सुसाइड नोट लिखा। सुसाइड नोट में मृतक ने अपने ही भाइयों से परेशान होने की बात लिखी है। साथ ही तीन वीडियो अपने समाज के वॉट्सऐप ग्रुप पर भी शेयर किए। इसमें भी सुसाइड नोट में लिखी बातों के बारे में जानकारी दी।
विदेश में जो कमाया भाइयों ने हड़प लिया…
मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा- विदेश में जो कमाया भाइयों ने हड़प लिया। तुमसे परेशान होकर आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी जिंदगी इसी बहाने खत्म होनी लिखी होगी सो हो गई। इसलिए अब दुख मत करना तुम (परिजन) सब अपना ख्याल रखना। फिलहाल, कोतवाली पुलिस ने मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है। घटना सीकर के कोतवाली थाना इलाके की है।
भाइयों पर आत्महत्या करने का लगाया आरोप…
जानकारी अनुसार, मृतक सलीम अहमद रंगरेज (55) है। जो कई सालों तक साऊदी के जेदा में नौकरी कर चुका हैं। साल 2017 में भारत वापस आया था। घर वापस आकर जूतों का बिजनेस शुरू किया था। रविवार सुबह सलीम अहमद फंदे पर झूलता मिला। परिजन सुबह दुकान पहुंचे तो घटना का पता चला। सलीम अहमद रंगरेज का शव फंदे पर झूलता देख इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पातल की मोर्चरी में भिजवाया। मृतक के बेटे मोहसीन ने अपने 2 चाचा पर आत्महत्या करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मृतक के बेटे की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को घटनास्थल से मृतका का सुसाइड नोट मिला है। वहीं मरने से पहले सलीम अहमद ने मोबाइल से वॉट्सऐप ग्रुप पर तीन वीडियो भी शेयर किया। इसमें उसने समाज के लोगों से अपने बेटों को परिवार का ध्यान रखना और खुद की परेशानी के बारे में जिक्र किया।
परिवार का आरोप- पुलिसकर्मी के जरिए धमकी भी दिलवाई…
मृतक के बेटे मोहसीन का आरोप है कि उसके दोनों चाचा शब्बीर और इस्लाम ने उसके पिता से सारा पैसा मंगवा लिया। जब पिता वापस से इंडिया लौटे तो एक साल बाद उनके साथ मारपीट और धमकाना शुरू कर दिया। दोनों भाइयों ने विमल नाम के पुलिसकर्मी के जरिए सलीम अहमद को धमकी दिलवाई। साथ ही जावेद रंगरेज नाम के युवक ने जयपुर से जैक भी लगवाया। हमने मुकदमा भी दर्ज करवाया। उस पर एफआर लगवा दी।
पढ़िए-मृतक ने सुसाइड नोट में क्या लिखा…
सलीम अहमद ने मरने से पहले सुसाइड नोट लिखा है। मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा- मेरे भाइयों और उनके परिवार की वजह से मेरा जीवन तहस-नहस होकर बिखर गया। 24 साल सऊदी अरब में रहकर जो पैसे कमाए भाइयों को भेज दिए। उनमें लगा दिए। साऊदी से जैसे ही वापस आया तो इनका रुख बदल गया। सभी एकमत होकर लड़ाई झगड़ा मार पिटाई करने लगे। इनकी रोज-रोज मारपीट और दहशत से मेरा बेटा उसकी पत्नी और चार बच्चे 2 साल पहले घर छोड़कर चले गए। हमें मुकदमों में उलझा दिया। हमारी रिपोर्ट पर पैसे और रसूख के बल पर एफआईआर करवा दी। बीवी बच्चों की उदासी मायूसी देखी नहीं जाती। हर तरफ अंधेरा हो गया। मौत के सिवाय कुछ भी नजर नहीं आ रहा। जीवन भर की कमाई का 70 फीसदी भाइयों ने हड़प लिया।
मृतक ने सुसाइड नोट में आगे लिखा- एक हजार रुपए घर खर्चा अपनी मां को देकर 1992 में सऊदी अरब चला गया था। 1992 से 2016 तक 20 लाख से ऊपर और लाखों का सोना भाइयों में खर्च दिए। मां-बाप ने भाइयों की सहमति से घर के पीछे वाली दुकान मौखिक रूप से मुझे दे दी। इसे 2005 में नए सिरे से बना ली। साथ में तीन कमरे भी बनवाए। लाखों रुपए इनमें अलग से लगा दिए। बाद में इस दुकान के लिए भाई मुकर गए।
2005 के बाद सारे पैसे इस्लाम के जरिए जमीनों और साड़ियों के कारोबार में लगाए। इस्लाम ने भी बहुत बड़ी गबन की। पैसों व जमीन के पेपर को गायब कर दिए। जमीन और लाखों रुपए हड़प लिए। मेरे पास पैसे और जमीन का कोई सबूत नहीं था। इस्लाम ने बगैर हिसाब के 10 लाख रुपए देकर स्टांप पर साइन करवा लिए। पैसों की जरूरत थी। बेबस और मजबूरन साइन करने पड़े। गुढ़ागौड़जी की पुश्तैनी जमीन में 8-10 प्लॉट बेचकर भाई हड़प गए। सीकर में लिया हुआ मेरी मां का प्लॉट और मां-बाप के बनाए हुए जेवर व दुकान मॉल भाई के पास है।
पिता की दिमागी हालत खराब, भाइयों ने फायदा उठाया…
माता-पिता के साइन किए खाली पेपर भाइयों के पास है। पिता की दिमागी हालत अक्सर खराब होने से नींद की दवा चलती थी। शायद भाइयों ने उसका फायदा भी उठाया। इसलिए शमीम के जरिए सिर्फ एक मकान का केस करवाया है। बने हुए मकान पर कब्जा करने के लिए उनके जुल्म में एक पल भी चैन नहीं। टेंशन दिमाग से निकाल नहीं रहा। इन मकानों में मेरे लाखों रुपए लगे हुए हैं। जिन पर शमीम के जरिए केस करवाया है। तीनों परिवार एक साथ मिलकर हर तरह से मुझे नुकसान पहुंचा रहे हैं।
मृतक ने सुसाइड नोट के दूसरे पन्ने पर लिखा- मुझे मिली दुकान के ऊपर फूड रेस्टोरेंट खोला तो बंद करना पड़ा। लाखों रुपए का नुकसान हुआ। हर तरफ से मेरी कमर तोड़ दी। रोज तरह-तरह की धमकियां लड़ाई झगड़े से जीना मुश्किल हो गया। बस मेरे भाइयों और उनके परिवार से इतना ही कहना चाहता हूं कि तुमसे परेशान होकर जहर और फांसी खाकर आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी लाश देखकर ही मेरे बीवी बच्चों पर रहम करना।
यूं अकेला छोड़कर जा रहा हूं, माफ करना…
मृतक ने अपने बीवी बच्चों के बारे में कहा- माफी चाहता हूं तुम सबको यूं अकेला छोड़कर जा रहा हूं। भाइयों की टेंशन और सदमे से परेशान था। इसलिए यह कदम उठाया। गुलशन सब हिम्मत और हौसले से काम लेना। बच्चों को भी हिम्मत हौसला देना। सब मेरे लिए हमेशा दुआ करना। मोहसीन, शाहरुख अपनी मां और बहनों का ख्याल रखना। इन्हें हिम्मत हौसला देना। कभी मायूस और उदास मत होना। मेरी जिंदगी इसी बहाने खत्म होनी लिखी होगी सो हो गई। इसलिए अब दुख मत करना तुम सब अपना ख्याल रखना। काफी दिनों से कोशिश में लगा हूं सही जगह की तलाश में संडे था मंडे तक देखता हूं। नहीं तो दुकान में ही आत्महत्या करनी पड़ेगी। खुदा हाफिज…।
7 दिन बाद था बेटी का निकाह…
पार्षद मुबारिक ने बताया कि मृतक मृतक सलीम अहमद रंगरेज (55) के पांच बेटियां और दो बेटे हैं। एक बेटी का निकाह 3 सितंबर को होने वाला है। आपको बता दे कि मृतक सलीम अहमद रंगरेज का मकान भी उसकी दुकान के पास सीकर के फतेहपुरी गेट इलाके में लाल मस्जिद के पास है। मामले में सीकर सीओ सिटी सुरेश शर्मा का कहना है कि परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
बेटा बोला-दुकान पर फंदे से झूलते मिले पिता…
पिता के आत्महत्या पर मृतक के बेटे मोहसीन ने बताया- रविवार करीब सुबह 5 बजे मेरे पास बुआ के बेटे सिकंदर का कॉल आया। उसने कहा- पिता कहां है। जब उसने घर पर पता किया तो मां ने कहा कि ताऊ के यहां गए हैं। वहां भी नहीं मिले जब उन्होंने दुकान पर देखा तो वहां फंदे पर झूलते मिले।