(श्रवण भाटी) : जयपुर। शिक्षा विभाग की लेटलतीफी का खामियाजा प्रदेश के लाखों बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीण बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन मुहैया कराने के लिए प्रदेशभर में खोले गए स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल अध्यापकों की कमी से जूझ रहे हैं। दरअसल, प्रदेश के 134 मॉडल स्कूलों में 704 रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया दिसम्बर 2022 में शुरू की गई थी। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने इन पदों पर इंटरव्यू 19 से 28 दिसंबर तक लिए थे।
लेकिन करीब 6 महीने बीत जाने के बाद भी शिक्षा विभाग ने अभी तक परिणाम जारी नहीं किया। परिणाम में हो रही देरी का खामियाजा इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। इन पदों को शिक्षा विभाग में पहले से कार्यरत कार्मिकों से ही पदस्थापन के जरिए भरा जाना है। यहां पदस्थापन के लिए राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग में कार्यरत कार्मिकों को न्यूनतम दो वर्ष के लिए प्रतिनियुक्ति दी जानी थी।
शुरू हुआ नया शैक्षणिक सत्र
मॉडल स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड के तहत पढ़ाई होती है। इसके चलते इनमें नया शैक्षणिक सत्र मार्च-अप्रैल में ही शुरू हो चुका है, लेकिन इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षक ही उपलब्ध नहीं है, जिससे पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। वहीं स्कूल शिक्षा परिषद ने 11वीं कक्षा में रिक्त सीटों पर प्रवेश का शेड्यूल भी जारी कर दिया है। इन स्कूलों में प्रवेश के लिए 22 जून तक आवेदन किया जा सकता है। चयनित आवेदकों की सूची का प्रकाशन 26 जून को किया जाएगा तथा चयनित आवेदकों के दस्तावेज 30 जून तक लिए जाएंगे।
केंद्रीय स्कूल की तर्ज पर किया था विकसित
प्रदेश के इन मॉडल स्कूलों में प्रिंसिपल्स के ही 32 पद रिक्त चल रहे हैं। ऐसे में इन स्कूलों में स्टूडेंट्स को गुणवत्ता की शिक्षा कै से मिल पाएगी, यह बड़ा प्रश्न है? गौरतलब है कि मॉडल स्कूलों की स्थापना शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े ब्लॉक्स में केन्द्रीय विद्यालयों के पैटर्न पर माध्यमिक स्तर की गुणवत्तापूर्णशिक्षा उपलब्ध कराने के लिए की गई थी। इन स्कूलों का इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं केन्द्रीय विद्यालय के समान होती हैं।
ये खबर भी पढ़ें:-गहलोत का दावा, दुग्ध संग्रहण में राजस्थान बना देश में ‘नंबर वन’
इन पदों पर हुई थी भर्ती
प्रधानाचार्य-32
व्याख्याता-309
वरिष्ठ अध्यापक-125
प्रयोगशाला सहायक-125
पुस्तकालयाध्यक्ष-39
अन्य-74
इनका कहना है…
राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि साक्षात्कार होने के बावजूद अब तक सरकार ने रिजल्ट जारी नहीं किया है, जिससे वहां पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षक और संस्था प्रधान नहीं मिल पाए हैं। इन विद्यालयों का नाम मॉडल स्कूल है, लेकिन अपने नाम के अनुरूप मॉडल प्रगति नहीं कर रहे हैं। संगठन मांग करता है कि मॉडल स्कूलों की ओर सरकार उचित ध्यान दे, ताकि जो आयाम मॉडल स्कूलों में स्थापित किए थे, आगे भी सुचारू रहे। वहीं, समसा के सहायक निदेशक नवीन कुमार शर्मा का कहना है कि नियुक्ति की फाइल प्रोसेस में है। सरकार से ऑर्डर मिलते ही आगमी 10 से 15 दिनों में नियुक्तियां मिल जाएंगी। इसका प्रोसेस लम्बा है और अभी ट्रांसफर, प्रति नियुक्तियों पर बैन है। एआर विभाग से मंजूरी मिलते ही नियुक्तियां मिल जाएगी।