जयपुर। वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में शेर सिंह मीणा के पकड़े जाने से अब इस पेपर लीक का शक राजस्थान लोक सेवा आयोग यानी RPSC पर ही गहरा गया है। क्योंकि शेर सिंह मीणा RPSC के मेंबर बाबूलाल कटारा का करीबी बताया जाता है।
चौंकाने वाली बात यह है कि RPSC में पिछले कुछ समय से आयोग अध्यक्ष क्वेश्चन पेपर संबंधित सीक्रेट काम भी अपने अलावा आयोग के सदस्यों से कराने लगे थे। अब SOG इस मामले की जांच करा सकती है कि बाबूलाल कटारा को इस परीक्षा के संबंधित कोई सीक्रेट काम अध्यक्ष ने दिए थे या नहीं।
अध्यक्ष परीक्षाओं के पेपर की जिम्मेदारी सदस्यों को देने लगे थे
दरअसल बाबू लाल कटारा 15 अक्टूबर 2020 से RPSC के मेंबर हैं। इनका कार्यकाल 14 अक्टूबर 2026 तक है। जानकारी है कि आयोग के अध्यक्ष ने जिन अलग-अलग सदस्यों को अलग-अलग परीक्षाओं के काम दिए थे, उनमें से वरिष्ठ मेंबर जो आयोग में नहीं है, उनको भी इसकी जिम्मेदारी दी गई थी। इसलिए इस बात पर गौर किया जा सकता है कि इस समय जो आयोग के अध्यक्ष हैं, उन्होंने भी अलग-अलग परीक्षाओं के लिए अलग-अलग सदस्यों को पेपरों की जिम्मेदारी दी है।
RPSC की विश्वसनीयता घेरे में !
ऐसे में बाबूलाल कटारा को RPSC अध्यक्ष ने कौन से पेपर की जिममेदारी दी थी, अगर कटारा को इस लीक हुए पेपर यानी वरिष्ठ शिक्षक भर्ती की जिम्मेदारी दी गई है तो इस लीक का सबसे बड़ा मास्टरमाइंट कटारा हो सकता है और यह आरोप RPSC की साख और विश्वसनीयता को भी गिरा सकता है।
जब रक्षक ही बन जाए भक्षक
इसे लेकर राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि पेपर लीक के अंतिम कड़ी तक जांच होनी चाहिए। पेपर लीक का मुख्य सरगना कौन है, पेपर लीक कहां से हुआ और किसने किया। पेपर लीक में कौन-कौन शामिल हैं। पेपर लीक में लिप्त हर व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। पेपर लीक करके किस-किस के पास भेजा गया इसका भी खुलासा होना चाहिए।
उपेन ने कहा कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाएगा तो जनता कैसे बचेगी। आरपीएससी सदस्य बाबू लाल कटारा पर अगर लगे आरोप सही हैं, तो सरकार जल्द से जल्द कठोर कानूनी कार्रवाई कर और एक मिसाल पेश करे। जल्द सच्चाई जनता के सामने लाए जिससे सरकार के प्रति युवाओं का विश्वास बने।
CHO परीक्षा निरस्त कर एक महीने में दोबारा कराएं
उपेन यादव ने CHO भर्ती परीक्षा को निरस्त कर 1 महीने में दोबारा परीक्षा आयोजित करवाने की भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है। उपेन यादव ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत ने छात्र हित में बहुत संवेदनशील फैसले लिए हैं इसलिए मैं आपको बताना चाहता हूं कि सीएचओ परीक्षा का पेपर लीक हुआ था और सुनीता सेन के पास सुबह 8:00 बजे पेपर पहुंच गया था और पेपर भेजने वाला विनोद मीणा भी खुद कह रहा है कि उसने कि उनके पास 7:22 पर पेपर आ गया था। ऐसे में इस भर्ती परीक्षा को निरस्त किया जाए और 1 महीने के अंदर दोबारा से परीक्षा को आयोजित करवाया जाए।