संजीवनी घोटाले मामले को लेकर सीएम अशोक गहलोत मोर्चा संभाले हुए हैं। सोशल मीडिया के जरिए वे इस मुद्दे को भुनाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। बीते 5 मार्च को मुख्यमंत्री से मिलकर संजीवनी पीड़ित संघ के लोगों ने अपनी व्यथा उन्हें सुनाई थी। जिस पर अब सीएम अशोक गहलोत संजीवनी के आरोपियों पर निशाना साधते हुए एक के बाद एक ट्वीट कर रहे हैं।
पीड़ितों के वीडियो ट्वीट कर बोला हमला
आज उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सरकार ऐसे जालसाजों को जल्द ही सलाखों के पीछे पहुंचाएगी। परिवार, रिश्तेदारों और समाज में सिर उठा के चलने वाले ये लोग आज आँखे नीची करके जीने को मजबूर हैं। इनकी बदकिस्मती इन्हें अभावों के नाखूनों से भी नोंच रही है। कानून व्यवस्था द्वारा अपराधियों को उनके किए की सजा दिए जाने तक, राज्य सरकार पीड़ितों के साथ है। सीएम गहलोत ने ट्वीट किया कि पैसों को ठगना, भरोसा तोड़ना और असंवेदनशीलता के साथ जिंदगियों से खिलवाड़ करना.. संजीवनी की हर एक कहानी फरेबियों के काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा बयां कर रही है। सरकार इन जालसाजों को जल्द ही सलाखों के पीछे पहुंचाएगी।
दोषियों को सजा दिलाकर ही रहेगी सरकार
अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि अपनी और अपने पिता की पेंशन संजीवनी घोटाले में फंस जाने पर बेटे की शादी के लिए पैसों की किल्लत से जूझ रहे एक पीड़ित की आपबीती। घोटाले के दोषियों ने सचमुच सक्षम और खुद्दार लोगों को भी मजबूरी की खाई में धकेल दिया। राज्य सरकार इन दोषियों को सजा दिला कर रहेगी।
गजेंद्र शेखावत पर सीएम ने लगाया है आरोप
बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने गजेंद्र सिंह शेखावत पर संजीवनी घोटाले का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वह इस स्कीम से जुड़े हुए थे। उन्होंने कई गरीबों का पैसा खपा दिया है। इस संजीवनी कोऑपरेटिव कंपनी से शेखावत समेत उनके पूरे परिवार का एक-एक सदस्य जुड़ा हुआ है, सब घोटाले में शामिल रहे हैं। सीएम अशोक गहलोत ने उनकी दिवंगत मां पर भी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है।
शेखावत ने गहलोत के खिलाफ मानहानि का केस करवाया दर्ज
इधर मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने नई दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करा चुके हैं। उन्होंने कहा है कि पिछले 3 साल से अशोक गहलोत मेरा नाम सोसाइटी के साथ जोड़ रहे हैं, जिसका ना तो मेरा और ना मेरे परिवार का लेना देना है। लगातार 3 सालों से हर मौके पर वे मेरा चरित्र हनन कर रहे हैं।