जयपुर। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कल यानी रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। दोपहर 11 बजे वे अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करेंगे। अटकलें लगाई जा रही हैं कि हनुमान बेनीवाल के सचिन पायलट को लेकर एक साथ पार्टी बनाने के बयान को लेकर ही वे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं।
बेनीवाल ने दिया है ऑफर
बता दें कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी यानी RLP के प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने आज सचिन पायलट को एक सलाह दी। उन्होंने मीडिया में कहा कि सचिन पायलट का जिस पार्टी में इतना अपमान हो रहा है। उन्हें वह पार्टी छोड़कर एक नई पार्टी बनानी चाहिए। बेनीवाल ने आगे कहा कि सचिन पायलट अगर नई पार्टी बनाते हैं। तो हम उनके साथ आ सकते हैं। इससे राजस्थान में जबरदस्त माहौल बनेगा। जिसका प्रभाव पूरे प्रदेश में पड़ेगा।
बड़े बैकग्राउंड से हैं पायलट
बेनीवाल ने सचिन पायलट (Sachin Pilot) को इस तरह सीधे-सीधे उनसे गठबंधन करने का ऑफर दिया है। कल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बात कहते हैं यह तो कल ही पता चलेगा। बता दें कि बेनीवाल ने यह भी कहा था कि सचिन पायलट के पिता तो एक बहुत बड़े नेता थे। उन्होंने मंत्री से लेकर के बड़े पदों पर काम किया था। खुद सचिन भी राजस्थान के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। हमारा तो कोई बहुत बड़ा बैकग्राउंड नहीं था। ना ही हम से पहले हमारे परिवार में कोई सत्ता में था लेकिन सचिन पायलट तो बड़े बैकग्राउंड से हैं। काफी सालों से वे राजनीति में है सत्ता में रहे हैं।
मशाल जूलूस में शामिल हुए Sachin Pilot
वहीं आज सचिन पायलट ने जयपुर में राहुल गांधी के समर्थन में निकाली जा रही है मशाल यात्रा में भी हिस्सा लिया । यूथ कांग्रेस की ओर से निकाले गए यह मशाल यात्रा अल्बर्ट हॉल से लेकर गांधी सर्किल तक निकाली गई। इसमें प्रदेश के खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास समेत कई युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता और विधायक शामिल रहे।
घर-घर तक पहुंचानी है केंद्र की कारगुजारियां
यहां भी मीडिया से सचिन पायलट ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिस तरह केंद्र सरकार इस समय बर्ताव कर रही है, इससे लगता है कि केंद्र सरकार कोई सच सुनना नहीं चाहती है। बस सिर्फ अपना एजेंडा बनाना चाहती है। पूरा विपक्ष इस मामले को लेकर एकजुट है। जनता तक इस बात को पहुंचाना है, हमें गांव-गांव, ढाणी-ढाणी तक इस मुद्दे को लेकर जाना है। हमें बताना है कि केंद्र सरकार के खिलाफ अगर कोई आवाज उठाता है तो यह उसका क्या हाल करती है।