जयपुर ब्लास्ट (Jaipur Blast) वाले मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के चारों आरोपियों को रिहा करने के मामले में विधायक सचिन पायलट ने बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इतने सारे लोगों की जान लेने वाले आरोपियों की रिहा कर देना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं। सरकार को दोबारा इसकी जांच करानी चाहिए।
गृह मंत्रालय और लॉ डिपार्टमेंट करे आत्मचिंतन
सचिन पायलट ने कहा कि यह (Jaipur Blast) बहुत गंभीर मामला हो गया है। हम सबको याद है कि जब ब्लास्ट हुए थे, इतने लोगों की जान गई थी और फिर आरोपियों को पकड़ा गया। इतने साल तक केस चला। लोअर कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई। तो फिर यह तो गृह मंत्रालय को, लॉ डिपार्टमेंट को आत्मचिंतन करना पड़ेगा कि, मौत की सजा सुनाने के बाद भी अगर हाईकोर्ट में इन्वेस्टिगेशन ढंग से प्रूफ नहीं हो पाई, या कई कमियां रह गईं। यह बहुत ही गंभीर मामला है। इसमें जिम्मेदार लोगों पर जांच होनी चाहिए कि ऐसा कैसे हुआ, क्योंकि ब्लास्ट किसी ने तो किया होगा और लोगों को मौत की सजा सुनाई गई है।
पायलट ने कहा कि सजा कम होना एक बात होती है, उसमें असहमति होना एक बात होती है लेकिन इसमें तो सबूतों के अभाव की वजह से रिहा कर दिया गया और जज ने जो फैसला सुनाया जो वह भी नहीं चाहते थे कि ऐसा हो लेकिन अगर एजेंसियां काम नहीं कर रही हैं, कोर्ट में सबूत को पुख्ता नहीं कर पा रही हैं तो फिर वह क्या कर सकते हैं। यह बहुत ही गंभीर विषय है। इस पर जांच होनी चाहिए।
जिम्मेदारों पर हो कार्रवाई
पायलट ने कहा कि गृह मंत्रालय, लॉ मिनिस्ट्री को जांच करनी पड़ेगी। संबंधित लोग अधिकारी जो भी जिम्मेदार हैं उन पर कार्रवाई करनी चाहिए। जिनकी मौतें हुई हैं, उनके परिवारों को भी हमें जवाब देना पड़ेगा। कई बार ऐसा होता है कि हमे आरोपी मिलते नहीं है लेकिन जब मिल जाते हैं, उनको सजा हो जाती है तो हमारी जिम्मेदारी बनती है कि इससे लॉजिकल कंक्लुजन देखा जाए। इसमें तुरंत प्रभाव से सरकार को अपील दायर करनी चाहिए और दोबारा से इसे नए सिरे से जांच कर डाक्यूमेंट्स, सबूत इकट्ठा कर दोबारा पेश करना चाहिए।
पायलट ने कहा कि हमारा मकसद है कि लोगों को न्याय मिले अगर हम न्याय नहीं दिला पा रहे हैं, तो हमारी कमी है, उस कमी को पूरा करना पड़ेगा और कौन इसके लिए जिम्मेदार है इसकी जांच भी करनी पड़ेगी।