Ayodhaya Ram Mandir: उत्तरप्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर देशभर में उत्सव जैसा माहौल है जहां कोना-कोना राममय हो रहा है. प्राण प्रतिष्ठा के लिए देशभर में तैयारियां जोरों से चल रही है और दूसरी ओर राजनीतिक दलों में बयानबाजी का दौर चल रहा है जहां कांग्रेस लगातार राम मंदिर कार्यक्रम को बीजेपी-आरएसएस का इवेंट बता रही है.
कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से जाने से मना कर दिया है औऱ कांग्रेसी नेता लगातार बीजेपी पर हमलावर है. इसी कड़ी में शनिवार को राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली में कांग्रेस के स्टैंड पर एक बार फिर बड़ा बयान दिया.
गहलोत ने कहा कि राम मंदिर हम सभी की आस्था का केंद्र है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद झगड़ा मिट गया था जहां सभी देशवासियों ने उस फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि अब सरकार को भी उसी तरह से व्यवहार करना चाहिए.
कार्यक्रम का हो गया राजनीतिकरण
गहलोत ने कहा कि यह कार्यक्रम बीजेपी और आरएसएस का है औऱ उन्होंने कहा कि राम मंदिर सबका है और राम हर किसी के हैं. उन्होंने कहा कि जब RSS और बीजेपी ने इसे खुद का कार्यक्रम बना लिया तो इसमें अब कांग्रेस कैसे जाएगी? वहीं इससे पहले गहलोत ने कहा था कि राम मंदिर बनाने में राजस्थान सरकार का बहुत बड़ा योगदान रहा है लेकिन कोई इसे याद नहीं कर रहा है.
उन्होंने कहा था कि राजस्थान सरकार को कम से कम पीएम मोदी को याद तो करना चाहिए था या धन्यवाद तो दे ही सकते थे. गहलोत ने कहा कि हमें चाहे कोई प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बुलाए या नहीं बुलाए लेकिन मैं बिना बुलाए भी जाऊंगा. और कब जाऊंगा ये मेरी मर्जी है.
क्यों किया शंकराचार्यों ने बॉयकॉट?
वहीं गहलोत ने आगे कहा कि धर्मगुरु पूरे देश को सनातन धर्म का रास्ता दिखाते है लेकिन आज ऐसी नौबत आ गई कि खुद शंकराचार्य ही इस कार्यक्रम में जाने से मना कर रहे हैं और पूरे देश के शंकराचार्य इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का ऐलान कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि अब यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि इस तरह का विवाद का माहौल क्यों पैदा किया गया.