जयपुर। कांग्रेस पर लगातार हमलवार नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने एक बार फिर तीखा कटाक्ष किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह पर राठौड़ ने तंज कसते हुए कहा कि हर बार की भांति इस बार भी दोनों नेताओं के खिलखिलाते चेहरों के पीछे का असली रंग चुनाव के नजदीक आते ही साफ दिख जाएगा। दरअसल, दिल्ली में सोमवार को दिनभर बैठकों का सिलसिला जारी रहा था।
कांग्रेस आलाकमान ने कभी गहलोत-पायलट को साथ बिठाकर तो कभी अलग-अलग बैठक की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर देर रात तक चली बैठक के बाद केसी वेणुगोपाल के साथ गहलोत और पायलट बाहर आए। वेणुगोपाल की मीडिया से चर्चा के दौरान गहलोत और पायलट मुस्कुराते रहे, बोले कुछ नहीं। राठौड़ ने दोनों नेताओं की इसी मुस्कुराहट पर तंज कसा है।
साथ ही राठौड़ ने कहा कि मैं तो वोही खिलौना लूंगा, मचल गया दीना का लाल। किस्सा कुर्सी के खेल का खिलौना किसको मिलेगा, यह दूर की कौड़ी है। 9वीं बार फिर उसी भाव भंगिमा में दोनों नेता, वो ही आलाकमान, वो ही किरदार और हर बार की तरह इस बार भी नतीजा शून्य ही आएगा, क्योंकि कांग्रेस के इन दोनो नेताओं में जारी मनभेद का इलाज आलाकमान के पास भी नहीं है।
9वीं बार फिर उसी भाव भंगिमा में दोनों नेता
गहलोत-पायलट के बीच सुलह के बाद नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस नेताओं की फोटो पोस्ट करते हुए ट्वीट किया कि मैं तो वोही खिलौना लूंगा, मचल गया दीना का लाल। किस्सा कुर्सी के खेल का खिलौना किसको मिलेगा, यह दूर की कौड़ी है। 9वीं बार फिर उसी भाव भंगिमा में दोनों नेता, वो ही आलाकमान, वो ही किरदार और हर बार की तरह इस बार भी नतीजा शून्य ही आएगा। क्योंकि कांग्रेस के इन दोनो नेताओं में जारी मनभेद का कोई इलाज आलाकमान के पास भी नहीं है। हर बार की भांति इस बार भी दोनों नेताओं के खिलखिलाते चेहरों के पीछे का असली रंग चुनाव के नजदीक आते साफ दिख जाएगा।
कांग्रेस के दो नेताओं की नोकझोंक का वीडियो भी किया था शेयर
इससे पहले राजेंद्र राठौड़ ने सीकर में कांग्रेस के दो नेताओं की नोकझोंक का मामला सामने आने के बाद तीखा कटाक्ष किया था। राठौड़ ने प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग के दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और विधायक राजेंद्र पारीक की नोकझोंक का वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया था कि दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान की गहलोत जी और पायलट जी के बीच सुलह कराने की कोशिश से पूर्व सीकर में मीटिंग में कांग्रेस नेताओं के बीच की कलह से साबित हो गया है कि कांग्रेस में अंतर्विरोध चरम पर है। इनके नेताओं को सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने से मतलब है, ना कि जनता से जुड़े विकास के मुद्दों से।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने जिस प्रकार सार्वजनिक रूप से अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ विधायक एवं राजस्थान विधानसभा में सभापति श्री राजेन्द्र पारीक के साथ दुर्व्यवहार किया है वो दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस की पाठशाला में वरिष्ठ नेताओं का अपमान करना ही सिखाया जाता है। अनुशासनहीनता, गुटबाजी, अंर्तकलह, अपमान की राजनीति ही कांग्रेस की असली पहचान है। पीसीसी अध्यक्ष को यह वहम नहीं होना चाहिये कि सरकार 4 महीने बाद जिंदा रहेंगी। वरिष्ठ विधायक राजेन्द्र पारीक जी को भी यह वहम नहीं होना चाहिये कि वो ही गहलोत जी के खास है। आज की बैठक में खास और आम में फर्क साफ दिख रहा है। कुछ दिन पूर्व अजमेर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जमकर लात घूंसे चले थे। कांग्रेस में सिर फुटोव्वल की स्थिति है। अब आगामी समय में सुरक्षा कवच और पुलिस के कड़े पहरे के बिना मीटिंग संभव ही नहीं है।