Gehlot Vision : जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की लोक-कल्याण योजना का विजन कांग्रेस के लिए चुनावी राज्यों में बड़ा हथियार बनता जा रहा है। गहलोत सरकार की राजस्थान की जनता के लिए लागू की गई महंगाई राहत और ओपीएस कांग्रेस के लिए अन्य राज्यों में चुनावी वैतरणी पार करने का जरिए बनती जा रही है। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में इन योजनाओं को चुनाव कैंपेन में शामिल किया था। अब कांग्रेस ने राजस्थान में लागू इन्हीं योजना को हरियाणा और एमपी चुनावी कैंपेन में शामिल कर प्रचार शुरू कर दिया है।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने जनता के सामने पांच वादे रखे हैं। इनमें 500 रुपए में गैस सिलेंडर, 100 यूनिट तक बिजली माफ और ओपीएस को शामिल किया है। राजस्थान सरकार की यह वह स्कीम है, जिन्होंने भाजपा को चिंता में डाला हुआ है, वहीं जनता में भी काफी लोकप्रिय हो रही है। ओपीएस को लेकर तो राजस्थान में सरकारी कार्मिकों ने बाकायदा गहलोत सरकार के पक्ष में कैंपेन तक शुरू कर दिया है।
राजस्थान में छेड़ा आरक्षण का जिन्न
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा चुनाव से पहले आरक्षण का जिन्न जीिवत करते हुए उदयपुर में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया है। दो दिवसीय मेवाड़ दौरे पर पहुंचे सीएम ने मीडिया से कहा कि रायपुर अधिवेशन में कांग्रेस ने जातिगत जनगणना का प्रस्ताव पास किया था। इसके बाद कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और मैंने, पीएम नरेंद्र मोदी को जातिगत जनगणना को लेकर एक पत्र लिखा है। यदि जातिगत जनगणना होगी, तब तक आरक्षण रिफॉर्म नहीं हो पाएगा। गहलोत ने कहा कि मैं जब 1998 में पहली बार सीएम बना था। तब ओबीसी को 21%, एससी को 8 से बढ़ाकर 16% और एसटी को 6 से 12% आरक्षण दिया था। आगे भी बढ़ोतरी होगी तो हमारे वक्त में ही होगी।
हमने दिया गुर्जरों काे आरक्षण
सीएम गहलोत ने आरक्षण के मुद्दे पर एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के राज में 72 गुर्जर मारे गए थे। हमारा शासन आया तो हमने उन्हें 5 प्रतिशत आरक्षण दिया। फायरिंग की बात तो छोड़ों, लाठीचार्ज तक नहीं किया। प्यार और भाईचारे से अप्रोच करते हुए ऐसी स्थिति बना दी कि बिना लाठीचार्ज के गुर्जरों को पटरियों से उठना पड़ा।