Rajasthan Loksabha Election 2024: देश में लोकसभा चुनावों के लिए सियासी माहौल तैयार होने लगा है जहां गठबंधन, टिकटों का ऐलान और पाले बदलने की कवायद शुरू हो गई है. इसी कड़ी में राजस्थान में भी बीजेपी ने चुनावी शंखनाद कर दिया जहां मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह ने एक दिन में 3 संभागों में बैठकें कर 9 लोकसभा सीटों पर जीत का मंत्र दिया. वहीं इधर कांग्रेस में फिलहाल सियासी हलचल मची है जहां हाल में कांग्रेस के कद्दावर आदिवासी नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीया बीजेपी में चले गए.
वहीं अभी कई और चेहरों के पाला बदलने की अटकलें लगाई जा रही है. इस बीच जानकारी मिली है कि दिल्ली में कांग्रेस CEC की बैठक 29 फरवरी या 1-2 मार्च को हो सकती है जिसके बाद मार्च के पहले हफ्ते में कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी हो सकती है.
इधर कांग्रेस के पाला बदलने की सियासत के बीच पार्टी अब लोकसभा की रणनीति को लेकर नए सिरे से काम कर रही है जहां माना जा रहा है कि जिन नेताओं का नाम पार्टी ने टिकट के लिए पैनल में रखा है उनमें से कुछ नेता पार्टी छोड़कर जा सकते हैं. ऐसे में कई युवा चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी की जा रही है.
कई सीटों पर सिंगल पैनल तैयार
बता दें कि कांग्रेस ने लोकसभा के लिए कई सीटों पर पैनल तैयार किए हैं जहां प्रदेश की 25 सीटों पर 1 से 3 नामों का पैनल तैयार किया है वहीं 4 सीटों पर सिंगल नामों का पैनल तैयार किया गया है. अब प्रदेश नेतृत्व की ओर से तैयार किए गए इस पैनल को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में रखा जाएगा जिस पर चर्चा के बाद फिर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जाएगा.
इसके अलावा जानकारी मिली है कि लोकसभा की कुल 25 सीटों में से 4 सीटों पर कांग्रेस ने सिंगल नाम तैयार किए हैं जहां 8 लोकसभा सीटें ऐसी है जिन पर 2-2 नाम फाइनल किए गए हैं.
वहीं इस पैनल में 12 सीटों पर 3-3 नेताओं के नाम दिए गए हैं. इसके अलावा युवा चेहरों की बात करें तो अजमेर से विकास चौधरी और रामनिवास गावड़िया, भरतपुर से संजना जाटव, चूरू से कृष्णा पूनिया, झुंझुनूं से दिनेश सूंडा, जयपुर ग्रामीण से अनिल चोपड़ा, जोधपुर से महेंद्र बिश्नोई, कोटा से अशोक चांदना के अलावा कई नाम पैनल में शामिल किए गए हैं.
मालवीया के जाने के बाद अब क्या?
मालूम हो कि हाल में राजस्थान से राज्यसभा के लिए सोनिया गांधी ने नामांकन किया था जिसके बाद बताया गया कि इससे राजस्थान में संगठन मजबूत होगा लेकिन सोनिया के नामांकन के बाद ही कांग्रेस को आदिवासी बेल्ट से एक बड़ा झटका लगा जिसके बाद कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है. हालांकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मालवीया के जाने के बाद कहा था कि इससे पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा और आलाकमान मंथन कर रहा है कि दिग्गज नेताओं की नाराजगी दूर करते हुए उन्हें पार्टी बदलने से रोका जाए.