Rajasthan BJP New Team : जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी लगातार अपनी टीम को मजबूत करने में जुटे हुए है। इसी कड़ी में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष जोशी ने एक बार फिर अपनी टीम में बदलाव किया है। उन्होंने शनिवार देर रात 8 जिलों के जिलाध्यक्ष बदल दिए। जिनमें जयपुर के 2 जिलाध्यक्ष भी शामिल है। जयपुर उत्तर में श्याम शर्मा और दक्षिण में राजेश गुर्जर को जिला अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, प्रदेश कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्यों की भी नियुक्ति की गई है।
क्यों बदले गए जिलाध्यक्ष?
राजस्थान में मिशन फतेह के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक रखी है। ऐसे में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष किसी भी तरह की गलती नही करना चाहते है। यही वजह है कि जो जिलाध्यक्ष अपने जिले में ठीक से काम नहीं कर रहे थे यानी निष्क्रिय थे। उन्हें समय रहते बदला गया है। यह भी कहा जा रहा है कि जिन जिलाध्यक्षों को बदला गया है, उनमें से कई ने विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। ऐसे में इनको जिला अध्यक्ष के पद से हटाया गया है। बता दें कि कुछ जिलों में जल्द ही कई जिलाध्यक्षों के बदलने जाने की संभावना है।
कौनसे जिले में कौन बना जिलाध्यक्ष?
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने निर्देश पर देर रात जारी लिस्ट के अनुसार चूरू में हरलाल सहारण, जयपुर दक्षिण में राजेश गुर्जर, जयपुर उत्तर में श्याम शर्मा, सीकर में पवन मोदी, धौलपुर में सत्येंद्र पाराशर, बांसवाड़ा में लाभचंद पटेल, नागौर शहर में रामनिवास सांखला और कोटा देहात में प्रेम नागर को कार्यकारी जिला अध्यक्ष बनाया गया है।
प्रदेश कार्यसमिति के विशेष आमंत्रित सदस्यों की घोषणा
इसके अलावा बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्यों के नामों की भी घोषणा की। बीजेपी की लिस्ट के मुताबिक धर्मवीर पुजारी को चूरू, रामचंद्र गुर्जर को जयपुर दक्षिण, जितेंद्र शर्मा को जयपुर उत्तर, इंदिरा चौधरी को सीकर, श्रवण कुमार शर्मा को धौलपुर, मोहना राम चौधरी को बांसवाड़ा, गोविंद सिंह राव को नागौर शहर और मुकुट बिहारी नागर को कोटा देहात में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है।
किसे मिले टिकट? बीजेपी ने बनाया प्लान
राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए किसे टिकट मिलना चाहिए। इसके लिए बीजेपी ने खास प्लान बनाया है। भाजपा प्रदेश की सभी 200 सीटों पर रायशुमारी करने के लिए अन्य राज्यों के विधायकों को मैदान में उतारेगी। आलाकमान इनकी ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर आगे की रणनीति तैयार करेगा। बाहरी विधायक आठ दिन तक प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे और रायशुमारी करेंगे।
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