Rrajiv Gandhi Gramin Olympic: राजस्थान में 16वीं विधानसभा का पहला सत्र चल रहा है। अब तक का यह सत्र काफी हंगामेदार रहा है। पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच कड़ी बहस देखने को मिल रहा है। भजनलाल सरकार पिछली सरकार की कई योजनाओं में फर्जीवाड़े की आशंका के चलते जांच कराने पर अड़ी है। पहले ‘चिरंजीवी’, ‘ओल्ड पेंशन योजना’ और ‘इंधिरा गांधी रसोई योजना’ जैसी कई योजनाओं पर सवाल उठ चुका है। वहीं मंगलवार को सदन में ‘ग्रामीण ओलंपिक’ खेलों का मामला गरमा गया.
मंगलवार को विधानसभा सत्र में सादुलपुर विधायक मनोज न्यांगली ने कहा कि गहलोत सरकार ने जितना बजट नहीं उससे 4 गुना तो खर्च कर दिया। इसकी जांच होनी चाहिए। गहलोत सरकार ने राजीव गांधी शहरी एवं ग्रामीण ओलंपिक खेलों में 1 अरब 26 करोड़ रुपए के निकर और टी शर्ट बांट दिए।
‘टेंडर प्रक्रिया की होगी जांच’
सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायक मनोज न्यांगली ने ‘ग्रामीण ओलंपिक’ में घोटाले के साथ ही अन्य आरोप भी लगाए। उन्होंने अधिकारियों पर संसद को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। न्यांगली ने कहा कि तीन अधिकारियों को तो चार्ज शीट मिल चुकी है। मंत्री से इसकी जानकारी और तथ्य छिपाए गए हैं। यह सदन का अपमान है। ‘ग्रामीण ओलंपिक खेलों’ से जुड़े तथ्यों को लेकर न्यांगली ने कहा कि 1.95 अरब की राशि खर्च की गई। इसकी जांच होनी चाहिए।
‘ग्रामीण ओलंपिक खेलों ‘ के मामले पर वाणिज्य एवं उद्योग और खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि ये बड़ी चिंता का विषय है इसकी जांच कराएंगे। जितना बजट नहीं है उससे चार गुना खर्च कर दिया गया। इसकी टेंडर प्रक्रिया की वित्त विभाग से जांच कराई जाएगी। मुख्य खेल अधिकारी की भी जांच कराएंगे।
सादुलपुर विधायक का भी उछला नाम!
वही सदन में विधायक मनोज न्यांगली ने सवाल उठाते हुए कहा कि खेल घोटाले में एक दंपत्ति का भी हाथ है और उस दौरान जमकर घोटाला हुआ. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य खेल अधिकारी के चयन में गड़बड़ी हुई है जहां मुख्य खेल अधिकारी के पद पर चयन में गलत शपथ पत्र दिया गया. न्यांगली ने कहा कि रेलवे में 16 और 17 सीसीए के नोटिस मिले हुए थे जिनकी जानकारी छिपाई तो उसकी भी जांच होनी चाहिए.