शेखावाटी क्षेत्र प्रदेश की राजनीति में अहम स्थान रखता है। अपनी ऐतिहासिक हवेलियों, मंदिरों और मीठी बोली के लिए देशभर में जाने जाना वाले शेखावाटी ने प्रदेश की राजनीति को कई बड़े चेहरे दिए हैं। शेखवाटी में सीकर स्थित खाटूश्याम जी और चूरू जिला स्थित सालासर बालाजी के मंदिर देश-दुनिया में प्रसिद्ध हैं और यहां लगातार भारी संख्या में श्रद्धालुओं की आवाजाही रहती है। क्षेत्र के सीकर, चूरू व झुंझुनू जिलों की कुल 21 विधानसभा सीटों में से 15 पर वर्तमान में कांग्रेस के विधायक हैं। भाजपा के पास सिर्फ चार सीट हैं।
एक सीट पर निर्दलीय व एक पर बसपा ने जीत दर्ज की थी। इस तरह से देखा जाए तो शेखावाटी कांग्रेस का गढ़ है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, पूर्व विधानसभाध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत, परसराम मोरदिया, डॉ. राजकुमार शर्मा, बृजेंद्र ओला जैसे नेता इस क्षेत्र से आते हैं। भाजपा में भी शेखावाटी नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ का गृह क्षेत्र है। इस चुनाव में शेखावाटी क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर तीसरा मोर्चा अपनी मौजूदगी पूरे प्रभाव के साथ दर्ज करा रहा है।
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चाहे आरएलपी हो या जेजेपी, शिवसेना हो या आप, ये पार्टियां इस क्षेत्र की राजनीति को प्रभावित कर सकती हैं। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) शेखावाटी में बड़ी सभा कर चुकी है वहीं शिवसेना ने भी पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढा के जरिए शेखावाटी में अपनी पकड़ मजबूत करना शुरू कर दी है। आम आदमी पार्टी ने पिछले दिनों सीकर में डोर टू डोर गारंटी कार्ड वितरण और जन संवाद कार्यक्रम किया था, वहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने पिछले सप्ताह सत्ता संकल्प यात्रा का आगाज शेखावाटी के सालासर बालाजी के मंदिर से किया है।
सत्ता विरोध की नाव पर सवार तीसरा मोर्चा
अब तक मुख्य रूप से भाजपा व कांग्रेस की राजनीति का कें द्र रहे शेखावाटी में तीसरे मोर्चे की पार्टियों के नेता सत्ता विरोधी लहर की नाव पर बैठकर वोटर्स का केंद्रीकरण कर जीत की तिकड़म लगा रहे हैं। तीसरे मोर्चे के नेताओं का मानना है कि प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर चली तो उन्हें सबसे ज्यादा फायदा होगा। ऐसे में जेजेपी, आप, आरएलपी बसपा, शिवसेना व कम्युनिस्ट पार्टी यहां अपना वोट बैंक मजबूत करने में लग गए हैं।
हरियाणा सरकार में भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी ने पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की 110वीं जयंती को किसान सम्मान दिवस के रूप में मनाया और बड़ी जनसभा की। कांग्रेस को दो बड़ी महिला नेत्रियों ने भी जेजेपी जॉइन की है। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढा को शिवसेना जॉइन करवाकर वोट बैंक पर काम करना शुरू कर दिया है।
बसपा ने अगस्त में शेखावाटी के जिलों में बहुजन राज अधिकार रथ यात्रा निकालकर दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। आम आदमी पार्टी की बात करें तो पिछले दिनों आप के प्रदेश प्रभारी विनय मिश्रा ने श्रीमाधोपुर, दातारामगढ़ और सीकर में डोर टू डोर गारंटी कार्डवितरित किए और लोगों से जन संवाद किया। आम आदमी पार्टी पंजाब व दिल्ली में किए गए कार्यों के आधार पर वोट मांगेगी।
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रालोपा की बात करें तो सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने सालासर बालाजी मंदिर से संकल्प यात्रा शुरू की। बेनीवाल खुद रथ पर सवार होकर पूरे शेखावाटी के वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए घेराबंदी करने में लगे हैं। शेखावाटी में जाट वोटर्स की बड़ी संख्या है। बेनीवाल इन वोटर्स के भरोसे यहां की राजनीति में पैठ बनाने में जुटे हैं।
चूरू में कांग्रेस के 4, भाजपा के 2 विधायक
चूरू विधानसभा सेवर्तमान नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ विधायक हैं। उनके सामने कांग्रेस से रफीक मंडेलिया ने चुनाव लड़ा था जो 1850 मतों से पराजित हुए थे। सरदारशहर से कांग्रेस से पंडित भंवरलाल शर्मा के दिवंगत होने पर उपचुनाव में उनके पुत्र अनिल शर्मा ने जीत दर्ज की। सरदारशहर को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। तारानगर विधानसभा से वर्तमान में कांग्रेस के नरेंद्र बुडानिया विधायक हैं। यहां से अबकी बार भाजपा से राजेंद्र राठौड़ के चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं।
सादुलपुर विधानसभा से वर्तमान में कृष्णा पूनियां विधायक हैं। इन्होंने बसपा के पूर्व विधायक मनोज न्यांगली को चुनाव में करारी शिकस्त दी थी। रतनगढ़ से भाजपा के अभिनेश महर्षी ने जीत दर्ज की थी। महर्षी नेनिर्दलीय प्रत्याशी पूसाराम गोदारा को भारी मतों से पराजित कर कमल का फूल खिलाया था। सुजानगढ़ सीट से कांग्रेस विधायक मास्टर भंवरलाल मेघवाल केनिधन के बाद उपचुनाव में उनके पुत्र मनोज मेघवाल नेनिकटतम प्रतिद्वंदी खेमाराम मेघवाल को भारी मतों से पराजित किया था।
सीकर में सभी सीटें कांग्रेस के पास
सीकर जिले में आठ विधानसभा क्षेत्र हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में 7 सीट कांग्रेस के खाते में गई थी। खंडेला से निर्दलीय विधायक महादेव सिंह खंडेला ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया था, इस प्रकार जिले के सभी आठ विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के विधायक हैं। चुनाव में भाजपा का सीकर जिले में खाता भी नहीं खुला। जिले में इस बार भाजपा अपनी मौजूदगी बनाने के लिए संघर्ष कर रही है।
अभी नीम का थाना से कांग्रेस के सुरेश मोदी, खंडेला से विधायक महादेव खंडेला, श्री माधोपुर से दीपेंद्र सिंह शेखावत, दांतारामगढ़ से चौधरी वीरेंद्र सिंह, सीकर से राजेंद्र पारीक, लक्ष्मणगढ़ सीट से गोविंद सिंह डोटासरा, फतेहपुर से हाकम अली व धोद से परसराम मोरदिया विधायक हैं। सभी सीटों पर एंटी इन्कं बेंसी सहित अन्य कई फैक्टर्स हैं जो चुनाव को प्रभावित करेंगे। कांग्रेस के लिए जिले में अपनी प्रतिष्ठा को बचाए रखने की चुनौती है तो भाजपा के सामने यहां दमदार वापसी करने की।
सीकर से रमेश शर्मा की रिपोर्ट