(ओमप्रकाश शर्मा) : जयपुर। एक करोड़ रुपए के घपले में मिले नोटिस को फाइल कराने की एवज में 10 लाख रुपए की घूस लेने के आरोपियों की झालाना स्थित एसीबी ऑफिस में खातिरदारी की जा रही है।
घूस के आरोपी पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर सुबोध कुमार व एईएन अनंत कुमार को अफसरों ने ऑफिस के रिसेप्शेन पर लगे सोफासेट पर बैठा दिया। जहां पर दिनभर सुबोध कुमार व अनंत कुमार के परिचित उनसे मुलाकात करने पहुंचे।
आरोपियों व परिचितों को रोकने-टोकने वाला कोई नहीं था। दोनों अफसर घंटों तक रिसेप्शन पर ही आराम करते दिखे। ‘सच बेधड़क’ की टीम वहां पर पहुंची तो अनंत कुमार सोफा पर लेटकर अखबार पढ़ रहे थे और सुबोध कुमार परिचित से बातचीत में व्यस्त थे। वहां पर एसीबी का कोई अफसर-कर्मचारी मौजूद नहीं था।
न पूछताछ, ना रोकटोक
मुख्यद्वार पर खड़े एसीबी के कर्मचारी भी वहां पर आने वाले लोगों को रोकने की कोशिश तो दूर उनसे पूछताछ के बिना ही अंदर जाने दे रहे थे। ऐसे में एसीबी के अधिकारियों द्वारा घूस के आरोपियों को दी जा रही सुविधाओं के कारण कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। अब सवाल है कि आखिर एसीबी की ऐसी क्या मजबूरी है, जो आरोपियों को खुले में छोड़ दिया और हवालात में बंद नहीं करके रिसेप्शेन पर बैठा दिया।
यह था मामला
एसीबी ने 6 सितंबर को चीफ इंजीनियर सुबोध कुमार मलिक, एक्सईएन जितेन्द्र कु मार और एईएन अनंत कुमार को 10 लाख रुपए की घूस लेते गिरफ्तार किया था। एसीबी ने आरोपियों को ट्रैप की कार्रवाई के बाद जेल भेज दिया था।
जांच में आरोपियों के खिलाफ महत्वपूर्ण साक्ष्य मिलने के बाद एसीबी ने तीनों आरोपियों को फिर से पांच के दिन रिमांड पर लिया है। आरोपी सुबोध कुमार ने एईएन अनंत कुमार के मार्फत एक्सईएन जीतेन्द्र कुमार से उनको दिए गए नोटिस में कार्रवाई नहीं करने की एवज में 10 लाख रुपए की घूस ली थी।
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