जयपुर। जलदाय विभाग ने प्रदेशभर में पेयजल समस्या को दूर करने के लिए नीति बना ली है। इधर, शुक्रवार को बहुमंजिला भवनों में पेयजल कनेक्शन के लिए बनाई गई नीति की अधिसूचना जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा जारी की गई। गौरतलब है कि बहुमंजिला भवनों में पीएचईडी द्वारा पेयजल कनेक्शन दिए जाने के संबंध में कोई स्पष्ट नीति नहीं होने के कारण इन भवनों के रहवासी लम्बे समय से पेयजल कनेक्शन के लिए इंतजार कर रहे थे।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने प्रदेश की बहुमंजिला इमारतों के विकासकर्ताओं एवं रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों से अपील की है कि वे संबंधित अधीक्षण अभियंता कार्यालय में पेयजल कनेक्शन के लिए जल्दी से जल्दी आवेदन करें ताकि मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स में रहने वालों को पेयजल उपलब्ध हो सके। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2023- 24 के बजट में शहरी क्षेत्रों में बहुमंजिला भवनों को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की योजनाओं से पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए घोषणा की थी।
दूसरी, तरफ बहुमंजिला भवनों में जल का उपयोग केवल घरेलू पेयजल आवश्यकताओं हेतु किया जाएगा और कनेक्शन देते समय आवासीय बहुमंजिला भवनों को पहली प्राथमिकता, वाणिज्यिक बहुमंजिला भवनों को दूसरी तथा संस्थानिक अथवा औद्योगिक बहुमंजिला भवनों को तीसरी प्राथमिकता दी जाएगी।
एकमुश्त शुल्क राशि में 50% छूट
इस नीति में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और अल्प आय वर्ग को विशेष तौर पर लाभान्वित करने हेतु मुख्यमंत्री जन आवास योजना/ अफोर्डेबल हाउसिंग परियोजना में निर्मित बहुमंजिला आवासीय भवनों में (ईडब्ल्यूएस/ एलआईजी) फ्लैट्स में पेयजल संबंध के लिए विभागीय बुनियादी ढांचे की हिस्सा राशि के रूप में देय एकमुश्त शुल्क की राशि में 50% की छूट दी जाएगी।
इसके अलावा बहुमंजिला भवन की श्रेणी में वे भवन आएंगे, जिनकी ऊंचाई भवन के कुर्सी स्तर से एवं भवन में भू-तल स्टिल्ट अथवा पोडियम पर होने की स्थिति में स्टिल्ट फ्लोर की छत/पोडियम स्तर से 15 मीटर से अधिक हो। बहुमंजिला भवनों में घरेलू पेयजल मांग की गणना फ्लैट में 5 व्यक्ति प्रति फ्लैट तथा 1500 वर्ग फीट से अधिक कारपेट एरिया के फ्लैट में 7 व्यक्ति प्रति फ्लैट के अनुसार की जाएगी। एकमुश्त शुल्क की गणना बहुमंजिला भवन के कुल कारपेट एरिया के आधार पर की जाएगी।