उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में बहुचर्चित कन्हैयालाल टेलर हत्याकांड के मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार करवाने में सहयोग करने वाले युवक को सरकारी नौकरी दे दी है। राज्य सरकार ने प्रहलाद सिंह चुंडावत (32) पुत्र मनोहर सिंह चुंडावत को सरकारी नौकरी दे दी है।
संयुक्त शासन सचिव गृह (ग्रुप-1) विभाग के पत्र के अनुसार, प्रहलाद सिंह चुंडावत को राजस्थान चतुर्थ श्रेणी सेवा नियम, 1999 में शिथिलता प्रदान की गई। 30 जनवरी को जिला स्तरीय कमेटी ने प्रहलाद की शैक्षणिक योग्यता और अन्य दस्तावेज के आधार पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर नियुक्ति दिए जाने की अनुशंसा की। इसके बाद प्रहलाद सिंह को नियुक्ति प्रदान करते हुए उनका पद स्थापन उपखंड कार्यालय देवगढ़ में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रिक्त पद पर किया गया है।
कन्हैयालाल हत्याकांड में पुलिस के बने थे मददगार
बता दें कि 28 जून, 2022 को राजस्थान के उदयपुर में हुए बहुचर्चित कन्हैयालाल साहू की दो आतंकी रियाज और गौस मोहम्मद ने तालिबानी तरीके से निर्मम हत्या कर दी थी। उदयपुर में हुए वीभत्स हत्याकांड ने पूरी दुनिया को झकझोर करके रख दिया था। आतंकियों ने कन्हैया लाल की हत्या का लाइव वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। उदयपुर में हुए टेलर कन्हैयालाल साहू की निर्मम हत्या की सूचना सब तरफ फैल गई।
पुलिस को जानकारी मिली की आरोपी बाइक पर सवार होकर भीम उपखंड की ओर निकले हैं। इस दौरान ताल गांव में थड़ी पर ताल निवासी प्रहलाद सिंह और सुरतपुरा पंचायत काकरोद निवासी शक्ति सिंह (30) पुत्र गोविंद सिंह चुंडावत चाय पी रहे थे। प्रहलाद सिंह ने बताया कि चाय पीते समय देवगढ़ पुलिस थाने में तैनात बाबू सिंह कांस्टेबल का उनके पास फोन आया कि उदयपुर में जो हत्याकांड हुआ है उसका वीडियो सामने आया है। दोनों आरोपी गांव की तरफ आ सकते हैं। इन पर नजर रखना।
फोन आने के कुछ देर बाद ही उनके सामने से एक पल्सर बाइक निकली। पुलिस ने जैसा हुलिया बताया था बाइक सवार वैसे ही थे। प्रहलाद सिंह और शक्ति सिंह ने एक मिनट भी खराब किए बिना अपनी बाइक उनके पीछे लगा दी। पुलिस को अपडेट दिया कि अभी-अभी वो आरोपी उनके सामने से निकले हैं और वो उनका पीछा कर रहे हैं। करीब 20 किलोमीटर तक आरोपियों का पीछा करते-करते वे टोगी मोड़ तक पहुंच गए। जहां पर उनको आगे पुलिस भी मिल गई। बाद में पुलिस ने भी अपनी जीप आरोपियों के पीछे लगा दी और आखिरकार पुलिस ने दोनों आरोपियों को दबोच लिया। पुलिस का भी मानना है कि अगर दोनों युवकों ने उनकी मदद नहीं की होती तो हत्यारे समय पर नहीं पकड़े जाते।