राजनीतिक नियुक्तियों के इंतजार में बैठे कांग्रेस कार्यकर्ता अब अपनी ही सरकार से नाराज दिखाई दे रहे हैं। खबर है कि उन्होंने इसकी शिकायत कांग्रेस हाईकमान से भी कर दी है। सोशल मीडिया पर कांग्रेस कार्यकर्ता इसका विरोध कर रहे हैं।
ग्यारसी लाल मीणा और कमलेश शर्मा हैं भाजपा नेता
दरअसल बीते 13 मार्च को उपभोक्ता संरक्षण राज्य आयोग और जिला आयोग के 12 अध्यक्ष और 8 सदस्यों की नियुक्ति हुई थी लेकिन इन नियुक्तियों पर अब विवाद खड़ा हो गया है। इसमें विवाद यह है कि जयपुर जिले में जो नियुक्ति हुई है उसमें जयपुर द्वितीय जिला आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीणा और बांसवाड़ा में कमलेश शर्मा की भी नियुक्ति की गई है। ये दोनों भाजपा से जुड़े हुए हैं। ग्यारसी लाल मीणा भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश संयोजक और भाजपा विधि विभाग के महासचिव के पद पर तैनात हैं तो वहीं कमलेश शर्मा भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के सदस्य हैं।
अब लंबे समय से राजनीतिक नियुक्ति के इंतजार में बैठे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और कांग्रेस लीगल सेल से जुडे़ वकीलों को यह रास नहीं आया और सोशल मीडिया पर इन्होंने इसका विरोध जताया। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि भाजपा नेताओं को आखिर कांग्रेस सरकार के होते हुए राजनीतिक में नियुक्तियां कैसे मिल रही हैं। क्योंकि काफी लंबे समय से कांग्रेस के कुछ नेताओं की राजनीतिक नियुक्तियां होनी है जो अभी तक नहीं हो पाई है।
अब इस मामले को लेकर राजस्थान कांग्रेस के पूर्व महासचिव और विधि प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष सुशील शर्मा ने सवाल खड़े किए हैं, उन्होंने ग्यारसी लाल मीणा और कमलेश वर्मा की नियुक्तियों को रद्द करने की मांग की है। तो कांग्रेस लीगल सेल के वकीलों ने भी इसका विरोध जताया है।
गहलोत के खिलाफ ग्यारसी लाल मीणा ने निकाली थी जनाक्रोश यात्रा
बता दें कि भाजपा एसटी मोर्चा ग्यारसी लाल मीणा को गहलोत सरकार के खिलाफ जनाक्रोश यात्रा निकालने का प्रभार सौंपा था सोशल मीडिया पर कांग्रेस के नेता जन आक्रोश यात्रा के प्रभारी बनाए गए ग्यारसी लाल मीणा के लेटर को शेयर कर रहे हैं और कई तरह के सवाल उठा रहे हैं।