Phone tapping case : जयपुर। आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंद राम मेघवाल के शनिवार को बीकानेर में दिए गए बयान ने एक बार फिर कांग्रेस और भाजपा में हलचल मचा दी है। मेघवाल के बयान पर रविवार को विधानसभा नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने पलटवार करते हुए कहा है कि मंत्री का बयान और यह तथ्य प्रमाणित करते हैं कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर फोन टैपिंग हो रही थी। विधानसभा नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मुख्यमंत्री के बाद अब उनके खेमे के साथी मंत्री गोविंदराम मेघवाल विधायकों की खरीद फरोख्त और फोन टैंपिंग को लेकर भाजपा पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। जब सरकार कांग्रेस की है, गृह विभाग के मुखिया स्वयं मुख्यमंत्री है तो फिर तथाकथित बिकाऊ विधायकों के नाम सार्वजनिक क्यों नहीं करते? फोन टैपिंग का ब्यौरा जांच के लिए क्यों नहीं सौंपते? वहीं तत्कालीन मुख्य सचेतक ने फोन टैपिंग केस में एसीबी और एसओजी में एफआईआर दर्ज कराई तो फिर मुख्यमंत्री के निर्देश पर एफआर क्यों लगाई गई? कांग्रेस के नेता पुराना राग अलापकर अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति करना बंद करें और जनहित पर ध्यान दें तो बेहतर होगा।
केंद्रीय मंत्री दर्ज करवा चुके एफआईआर
राजस्थान में जुलाई 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान फोन-टैपिंग विवाद सामने आया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 विधायकों की बगावत के दौरान केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस नेताओं के बीच कथित टेलीफोन बातचीत के ऑडियो क्लिप सामने आए थे। मुख्यमंत्री के ओएसडी लोके श शर्मा पर ऑडियो क्लिप प्रसारित करने के आरोप लगाए गए थे। जिसको लेकर कें द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकेश शर्मा और अन्य पर फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने 25 मार्च, 2021 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
गहलोत हमारे मुख्यमंत्री हैं, इसलिए सरकार बच गई
मेघवाल शनिवार को कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान चर्चा में आ गए। मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में चल रही सरकार को गिराने के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से खरीद- फरोख्त को लेकर दावा किया कि मुझे भी खरीदने के प्रयास किए गए थे। उन्होंने कहा, मुझे भी फोन आया था, लेकिन मैंने कह दिया पैसे में पशु बिकते हैं, इंसान नहीं बिकते। मेघवाल ने यह भी कहा कि हमारा सौभाग्य है कि अशोक गहलोत हमारे मुख्यमंत्री हैं, इसलिए सरकार बच गई। उन्होंने कहा कि मेरे पास इसकी टेप भी पड़ी है, लेकिन मैं इस बात को ज्यादा नहीं बढ़ाना चाहता।