लालकोठी मंडी में एनजीओ की मशीन से परेशान लोग, पैसा तो कट रहा लेकिन नहीं निकल रहा थैला  

जयपुर। नगर निगम ने क्लॉथ वेडिंग मशीन लगाते वक्त तो आम जनता की वाहवाही लूट ली, मगर जब यह 24 घंटे से पहले ही खराब…

People troubled by NGO's machine in Lalkothi Mandi Cloth Vending Machine Lal Kothi

जयपुर। नगर निगम ने क्लॉथ वेडिंग मशीन लगाते वक्त तो आम जनता की वाहवाही लूट ली, मगर जब यह 24 घंटे से पहले ही खराब हो गई तो निगम अधिकारियों ने मशीन एनजीओ की कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। गौरतलब है कि नगर निगम ग्रेटर महापौर सौम्या गुर्जर ने लालकोठी सब्जी मंडी में शुक्रवार को क्लॉथ वेडिंग मशीन का उद्घाटन किया था। 

इससे आमजन को पांच रुपए में डिजिटल पेमेंट करके कपड़े का बैग देने की बात कही गई थी। निगम की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में भी कहीं एनजीओ का जिक्र नहीं किया गया था। इधर मंडी के व्यापारियों को बताया भी गया कि यह मशीन निगम की ओर से लगाई गई है। उद्घाटन के एक दिन बाद शनिवार को मशीन खराब हो गई। पेमेंट के बाद मशीन से न तो पेमेंट रिफंड हुआ ना ही थैला निकला। 

सच बेधड़क ने दो बार ट्रांजेक्शन किया मगर एक बार भी थैला नहीं निकला। दुकानदारों ने बताया कि सुबह से ही यह परेशानी आ रही है। थैला नहीं मिलने पर लोग निगम को कोस रहे हैं। गौरतलब है कि मशीन पर संपर्क करने का भी कोई ऑप्शन नहीं है।

दो मशीनें लगाई एक कचरे में और दूसरी अतिक्रमण का शिकार 

लाल कोठी स्थित सब्जी मंडी में दो वेडिंग मशीन लगाई गई हैं। यहां एक मशीन के पास तो कचरे का ढेर जमा है, वहीं दूसरी यहां सब्जी विक्रेताओं के अतिक्रमण का शिकार हो गई है। हालांकि, शुक्रवार को एक ही मशीन का उद्घाटन किया गया था। अगर यह मशीन उचित उपयोग में ली जाए तो यहां प्लास्टिक की थैलियों से निजात मिलेगी।

लालकोठी पर थैले की मशीन लगाई है, मेयर मेम ने उदघाटन भी किया था, मगर उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं है। अगर शिकायत भी आई होगी तो एनजीओ के पास आई होगी- महेश मिश्रा, अधिशासी अभियंता 

चार- पांच ग्राहकों के पैसे मेरे सामने कट गए और उनके हाथ में थैला भी नहीं लगा। मेरे पांच रुपए कट गए उसका क्या सोल्यूशन है, मुझे बैग दिया जाए- बाबूलाल, ग्राहक 

कल जब निगम ग्रेटर की मेयर ने इसका उद्घाटन किया था, तब इस मशीन से बैग निकले थे। आज सुबह से बैग नहीं निकल रहे। ग्राहकों का पेमेंट पूरा कट रहा है। निगम ने यह फालतू की मशीनें लगाई हैं। यहां से न थैला निकल रहा है, ना पैसा वापस आ रहा है- रामनिवास, स्थानीय व्यापारी

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