भीलवाड़ा। राजस्थान में अंधविश्वास के नाम पर मासूम बच्चियों की जिंदगी से खिलवाड़ रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अंधविश्वास के चलते आए दिन मासूम बच्चियां जिदंगी और मौत की लड़ाई लड़ने को मजबूर हो रही है। ऐसा ही मामला शाहपुरा जिले के फुलियाकला थाना क्षेत्र से सामने आया है।
यहां पनोतिया गांव में एक माह की बच्ची के बीमार होने पर उसकी मां ने अंधविश्वास में एक भोपे से डाम लगवा दिया। जिसके चलते मासूम बच्ची की तबीयत बिगड़ गई। शाहपुरा जिले के फुलियाकला थाना क्षेत्र के पनोतिया गांव निवासी सोनिया पत्नी रामदास बागरिया की एक महीने की बेटी को जुकाम और निमोनिया हो गया था।
जिस पर महिला अपनी बच्ची को हॉस्पिटल ले जाने की जगह गांव के मंदिर के एक भोपे के पास लेकर चली गई। जहां पर बीमारी को जड़ से खत्म करने का दावा करने के बाद भोपे ने मासूम बच्ची के पेट पर गर्म सलाखों से डाम दिया। लोहे के गर्म सलाखों से डाम लगाने से बच्ची की तबीयत बिगड़ने लगी।
बच्ची की तबीयत ज्यादा खराब होने पर आनन फानन में महिला अपनी मौसी सास के साथ बच्ची को शाहपुरा हॉस्पिटल लेकर पहुंची। बच्ची की खराब हालत हो देखते हुए महात्मा गांधी हॉस्पिटल में रेफर किया गया। पिछले 24 घंटे से बच्ची आईसीयू में जिंदगी और मौत से लड़ रही है।
बता दें कि भीलवाड़ा में यह कोई पहला मामला नहीं है। सर्दी शुरू होते ही अंधविश्वास में मासूमों को डाम लगाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। 20 से 30 मासूम गंभीर हालत में महात्मा गांधी हॉस्पिटल लाए जाते है, इनमें से कुछ जिंदगी हार जाते है। वहीं पिछले 1 साल में आधा दर्जन से अधिक मामले भीलवाड़ा जिले में देखे जा चुके हैं।
(इनपुट- जयेश पारीक)