जयपुर के राजस्थान राज्य कृषि अनुसंधान संस्थान में अटल भूजल योजना के दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। यहां पर PHED मंत्री महेश जोशी और ACS सुबोध अग्रवाल पहुंचे। उन्होंने यहां पर भूजल प्रबंधन के क्षेत्र में हो रहे कार्यों पर चर्चा की। इस कार्यशाला में कई राज्यों से करीब 100 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। यहां पर महेश जोशी ने राजस्थान में भूजल की उपलब्धता को चिंताजनक बताया साथ ही उन्होंने मंच से ERCP को राष्ट्रीय परियोजना बनाने की केंद्र से मांग भी कर डाली। इसके अलावा मंत्री जोशी ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर भी निशाना साधा, उन्होंने संजीवनी सोसाइटी मामले में शेखावत को वॉय़स सैंपल देने की बात भी कह डाली।
हर घर में नल…नल के लिए जल कहां से लाएंगे
जलदाय मंत्री महेश जोशी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि वे JJM यानी जलजीवन मिशन में हर घर कनेक्शन दे देंगे, लेकिन नल के लिए जल कहां से लाएंगे, आबादी के हिसाब से हमारा ग्राफ ऊपर जा रहा है, भूजल की हिसाब से ग्राफ नीचे जा रहा है, राम भले रूठ जाए लेकिन राज नहीं रूठना चाहिए, इसी तरह केंद्र से उम्मीद है कि हमारी बात सुने, ERCP को राष्ट्रीय परियोजना बनाने की हमारी मांग पर केंद्र को जल्द फैसला करना चाहिए। महेश जोशी ने कहा कि प्रदेश में जल का बड़ा संकट है, हम राजस्थान को विशेष दर्जा दिलाने की मांग गलत नहीं करते हैं। JJM को लेकर हमारी प्रगति की बात की जाती है, मैं नहीं सोचता की हमारे साथ न्याय हो रहा है, हम विषम परिस्थितियों में मिशन को आगे बढ़ा रहे है, मंत्री महेश जोशी ने राजस्थान को विशेष दर्जे की मांग करते हुए, जिला स्तर पर वर्कशॉप आयोजन का सुझाव दिया।
केंद्र हमारी सुनता तक नहीं
उन्होंने कहा कि हमारे विभाग के अधिकारी डेनमार्क गए थे। वहां छीजत 5 फीसदी थी, हमारे यहाँ 20 फीसदी है। इसे रोकने के लिए काम करना होगा। हम सतही जल लाना चाहते है लेकिन केंद्र हमारी मानता नहीं है। राजस्थान में पीने का पानी सबसे बड़ी समस्या है। क्योंकि प्रकृति हम पर मेहरबान नहीं है। सामाजिक जनभागिता निभाना ही सभी की ज़िम्मेदारी है। इसके साथ ही व्यक्तिगत रूप से भी जल बचाना हम सभी की ज़िम्मेदारी होनी चाहिए। जहाँ भी हम जल बचा सकते है वहाँ नैतिक ज़िम्मेदारी से जल बचाना चाहिए और दूसरों को भी जल बचाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। राजस्थान वालों से ज़्यादा जल का महत्व शायद ही कोई जानता हो। राजस्थान को लेकर कहा जाता था कि पश्चिमी राजस्थान और अकाल का चोली दामन का साथ है। पश्चिमी राजस्थान में पहले तो कई बच्चे ऐसे थे, जिन्होंने 8 साल तक बारिश नहीं देखी थी।
जमीनी हकीकत के लिए अधिकारी करें फील़्ड का दौरा
महेश जोशी ने अटल भूजल योजना के केंद्रीय अधिकारियों से कहा कि हम आपको ज़मीनी हकीकत दिखाने के लिए फील्ड दौरा करवाएंगे। मौसम के हिसाब से राजस्थान में बदलाव होता है। यहाँ -5 डिग्री तापमान हो जाता है और 50 डिग्री भी पहुंच जाएगा। भूजल का स्तर बढ़ रहा है और आबादी बढ़ रही है इसलिए इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन ज़रूरी है, जागरूकता के लिए ऐसे आयोजन होने चाहिए।
संजीवनी सोसाइटी की सच्चाई बताएं शेखावत
वहीं केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के राजनीतिक हत्या वाले बयान पर महेश जोशी ने पलटवार करते हुए कहा कि शेखावत जरा संजीवनी सोसाइटी की सच्चाई बता दें। वे अपनी निर्दोषता का प्रमाण दें। आप जोधपुर से सांसद हैं तो ERCP को राष्ट्रीय परियोजना बनवाए। ACB में शेखावत अपना वॉयस सैंपल क्यों नहीं देते, इस पर वे जवाब क्यों नहीं देते। गजेंद्र सिंह बेवजह अड़चन डालकर पीएम को गुमराह कर रहे हैं। गजेंद्र सिंह बेमतलब राजस्थान के खिलाफ माहौल बनाते हैं। उन्होंने कहा था कि पीएम ने ERCP पर कुछ नहीं बोला था, अगर दिखा दें तो वो इस्तीफा दे देंगे। जोशी ने कहा कि हमें मंत्री जी का इस्तीफा नहीं चाहिए, बस ERCP को राष्ट्रीय परियोजना का दर्ज़ा दिलवा दें, शेखावत राजस्थानी होने का फ़र्ज़ निभाएं।
भूजल के अलावा दूसरे स्रोतों से इस्तेमाल करें पानी- ACS अग्रवाल
वहीं कार्यशाला में ACS डॉ. सुबोध अग्रवाल ने सम्बोधन कहा कि पूरे देश में राजस्थान में पानी की सबसे ज़्यादा समस्या है। देश का 12 प्रतिशत से ज़्यादा पशुधन है। हमारे पास 7 करोड़ से ज़्यादा पशुधन है, उसके लिए भी हमें पानी की जरूरत होती है, क़ृषि के लिए भी पानी की आवश्यकता होती है लेकिन भूजल का स्तर भी गिरता जा रहा है। 100 लीटर पानी रिचार्ज कर रहे है तो 151 लीटर पानी निकाल रहे हैं। ये अनुपात चिंताजनक है। सीएम का निर्देश है कि भूजल के अलावा भी अन्य स्त्रोतों का इस्तेमाल हो। यूपी, बिहार में भूजल की उपलब्धता कुछ फुट की दूरी पर है। राजस्थान में भूजल की उपलब्धता चिंताजनक है। प्रति घर जल लाने की कीमत ढाई लाख है। 350 करोड़ लीटर प्रतिदिन की खपत होगी। अटल भूजल योजना के केंद्रीय प्रतिनिधियों से अपील की थी। लेकिन वे ऊंट के मुंह में जीरा दे रहे हैं। राजस्थान के सभी ज़िलों को अटल भूजल योजना में जोड़ा जाए। अभी 17 ज़िलों को योजना में जोड़ा हुआ है।