Jaipur News: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से राज्य में शनिवार 9 मार्च को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इसके माध्यम से राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर एवं जयपुर सहित प्रदेश के सभी अधीनस्थ न्यायालयों के साथ-साथ राजस्व न्यायालयों, उपभोक्ता मंचों एवं अन्य प्रशासनिक अधिकरणों में आपसी राजीनामे से प्रकरणों का निस्तारण किया जायेगा। प्रकरणों की सुनवाई के लिए 499 बैंचों का गठन किया गया है।
सुबह 10 बजे शुरु होगी सुनवाई
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रमिल कुमार माथुर ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर परिसर में 9 मार्च को प्रातः10 बजे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं रालसा के कार्यकारी अध्यक्ष पंकज भंडारी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर पदासीन एवं सेवानिवृत न्यायाधिपतिगण, महाधिवक्तागण, राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के गणमान्य सदस्य एवं रजिस्ट्री व रालसा के पदाधिकारी, पक्षकारगण एवं कर्मचारी उपस्थित रहेंगे। उन्होंने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर परिसर में उच्च न्यायालय जोधपुर के न्यायाधीश एवं रालसा के अध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह भाटी द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ किया जाएगा।
499 बैंचों का किया गया गठन
माथुर ने बताया कि जन सामान्य प्रकरणों की सुनवाई के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर, जोधपुर एवं अधीनस्थ न्यायालयों की कुल 499 बैंचों का गठन किया गया है, जिनके द्वारा प्रकरणों की ऑनलाईन व ऑफलाईन माध्यमों से सुनवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में 5 बैंचों का गठन कर कुल 2,201 एवं राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर पीठ में 4 बैंचों का गठन कर कुल 2,162 लंबित प्रकरण राष्ट्रीय लोक अदालत में रखे गए है।
इन प्रकरणों में सुनवाई
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य फौजदारी प्रकरण, धारा 138 NI Act के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, एम.ए.सी.टी. के प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधी विवाद, भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण, राजस्व मामले आदि रखे जाएंगे। इसके अतिरिक्त प्री-लिटिगेशन के प्रकरण भी राष्ट्रीय लोक अदालत में रखे जाएंगे। इन्होंने बताया कि प्रकरणों में रिटायर्ड न्यायिक अधिकारी तथा प्री-काउंसलर के सहयोग से 13 फरवरी से काउंसलिंग करवाई जा रही है।
राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रति उत्साह
आगे उन्होने ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रति आमजन एवं पक्षकारों में काफी उत्साह है। पक्षकार स्वयं आगे बढ़कर अपने मामलों को लोक अदालत में लगवाने के लिए आ रहे हैं। साथ ही अधिवक्तागण द्वारा भी अपने स्तर पर पक्षकारों को अपने मामले सुलझाने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रति प्रेरित किया जा रहा है।