Jaipur News: आरपीएससी द्वारा 2023 में आयोजित राजस्व अधिकारी व अधिशासी अधिकारी भर्ती परीक्षा को लेकर मुकेश चौधरी की याचिका पर आज राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। भ्रष्टाचार और अनियमिताओं की आशंका के चलते अभ्यर्थी इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने की मांग कर रहे है। अभ्यर्थियों द्वारा इसके लिए होईकोर्ट का रुख किया है। इस परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट में तीन याचिका लग चुकी है।
क्यों परीक्षा को लेकर खड़े हो रहे सवाल
14 मई 2023 को इस परीक्षा का आयोजन दो पारीयों में किया गया था। करीब एक लाख 90 हजार अभ्यर्थियों ने इस भर्ती परीक्षा में भाग लिया। इसी के साथ प्रथम पारी के दो घंटे बाद दूसरी पारी की परीक्षा में अनेक प्रश्नों के रीपीट होने को लेकर भी अभ्यर्थी सवाल खड़े कर रहे है।
दौसा निवासी भरत सिंह मीणा के द्वारा दायर याचिका पर राजस्थान होईकोर्ट ने नोटिस जारी करके पूछा था कि ‘क्यों नहीं भर्ती परीक्षा को कर दिया जाए रद्द’ जस्टिस सुदेश बंसल ने मुख्य सचिव, आरपीएससी के चेयरमैन व प्रमुख सचिव यूडीएस से जवाब मांगा था। इसके बाद राधेश्याम छीपा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नियुक्तियों को याचिका के अंतिम फैसले के अधीन रखने के लिए कहा था।
OMR शीट चेंज करने की एवज में घूस का प्रकरण
इस भर्ती के संबध में ओएमआर शीट बदलवाने की एवज में 18 लाख 50 हजार रुपये की घूस लेने के चलते घुमंतू बोर्ड के पूर्व चेयरमैन गोपाल केसावत के साथ ब्रह्मप्रकाश, रविन्द्र शर्मा को भी एसीबी द्वारा ट्रैप किया गया था। उस समय परिवादी द्वारा सीकर एसीबी में शिकायत दी। इस मामले में दर्ज रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया था कि दलाल द्वारा परिवादी को आरपीएससी सदस्यों के साथ साढ़ गाढ़ होने की बात बोली थी।
परीक्षा की गोपनीयता पर सवाल
दलालों ने ओएमआर शीट को बदले की एवज में परिवादी से पैसे भी मांगे थे। गोपनीय तरीके से ओएमआर शीट को रखा जाता हैं तो दलालों के पीछे किसका हाथ था। आखिर कौन वो शख्स है जो कि ओएमआर शीट बदलवाने में इन दलालों की सहायता करने वाला था। आज भी इस बात से पर्दा नहीं उठ पाया है। इसी भर्ती परीक्षा में परीणाम जारी होने के बाद काउन्सलिंग में अपनी जगह दूसरे अभ्यर्थी को परीक्षा में बिठाने का मामला भी सामने आया था।
भर्ती पर नकल गिरोह और दलालों का साया
इस भर्ती पर पहले से नजर लगाकर बैठे नकल माफिया और दलाल पूरी तरह से इस परीक्षा में सेंध लगाने का प्रयास करते है। ब्लूटूथ से नकल करने वाले इस परीक्षा में पकड़े जाते है। परीक्षा का परीणाम जारी होने के बाद काउन्सलिंग में भी अपनी जगह दूसरे व्यक्ति को बैठाने वाला शख्स गिरफ्तार कर लिया जाता है। इस परीक्षा में कांग्रेस के बड़े नेता गोपाल केसावत की ओएमआर शीट बदलवाने के बदले पैसे लेने के मामले में एसीबी द्वारा गिरफ्तार किया जाता है।
आज भी जवाब मांगे सवाल
परीक्षा में पास कराने के बदले 25 लाख रुपए मांगने वाले इस गिरोह का मास्टरमाइंड कौन है? गोपाल केसावत ने आरपीएससी सदस्य का नाम क्यों लिया था?एसीबी के रडार पर आए कांग्रेस नेता गोपाल केसावत और गिरफ्तार चारों आरोपी एक-दूसरे से कैसे मिले?
क्या अभी तक जांच में आरपीएससी के सदस्यों का कोई लिंक नहीं मिला? क्या इस मामले की उच्च स्तर पर जांच नहीं होनी चाहिए। हालांकि आरोप लगाने से कोई दोषी नहीं बनता है। लेकिन, बाबू लाल कटारा जैसे लोगों जब पेपर लीक के प्रकरण में पकड़े जाते है तो ईओ-आरओ भर्ती में गफलत की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।