Nagar Nigam Heritage Controversy : जयपुर। नगर निगम हेरिटेज में चल रहा विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। मामला अब प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा के पास पहुंच गया है। हालांकि, उससे पहले मंत्री महेश जोशी ने एक बार फिर पार्षदों से समझाइश की, लेकिन महापौर और पार्षद दोनों वर्मा को बर्खास्त करने की मांग पर अड़े रहे।
मामले में कोई ठोस फैसला नहीं होते देख अब महापौर और पार्षदों ने प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा से मिलकर मामले में समाधान करने की मांग की है। रंधावा ने महापौर और अतिरिक्त आयुक्त विवाद में मुख्यमंत्री से बात करने का आश्वासन दिया है।
मैंने गोद ली है एससी वर्ग की बच्ची
मुनेश ने कहा कि मैं शुरुआत से ही सभी जातियों को साथ लेकर चल रही हूं। कभी किसी जाति में भेदभाव नहीं करती। यहां तक कि मैंने तो खुद एक एससी वर्ग की बच्ची इशिता जाजोरिया को गोद ले रखा है। मेरा वाल्मीकि समाज से पुराना रिश्ता है, लेकिन न जाने किन लोगों के दबाव में आकर अतिरिक्त आयुक्त झूठे मुकदमे करवा रहे हैं।
पार्षदों पर लगा रहे झूठे आरोप
महापौर ने कहा कि राजेन्द्र वर्मा जब से निगम में आएं हैं, अपनी मनमानी कर रहे है। पार्षदों को झूठे आरोप में फंसा कर दबाव बना रहे हैं। वे अपनी जाति का सहारा लेकर इस भ्रष्टाचार के मुद्दे को दबाना चाहते हैं, जबकि मैं किसी भी व्यक्ति को जातिसूचक शब्द बोल ही नहीं सकती। ना ही हमारा कोई पार्षद इस तरह के शब्दों का प्रयोग करता है। उस दिन भी जब यह पूरा घटनाक्रम हुआ। वहां सिर्फ राजेंद्र वर्मा नहीं, बल्कि नगर निगम के दूसरे अधिकारी भी मौजूद थे।
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महेश जोशी ने फिर की समझाइश
मंत्री महेश जोशी एक बार फिर निगम मुख्यालय में चल रहे धरने में पहुंचे। जोशी ने कहा कि वे सरकार के प्रतिनिधि या फिर मंत्री के तौर पर नहीं आएं हैं। आम विधायक के तौर पर मिलने आए हैं। मैंने चारों विधायकों से बात की है। हम सब चाहते हैं कि पार्षदों का धरना खत्म हो। बीच का कोई रास्ता निकले और पार्षदों का यह धरना खत्म हो। इस पर सभी पार्षदों ने एकजुट होकर राजेंद्र वर्मा को निलम्बित करने की मांग की।
महापौर ने राजेंद्र वर्मा पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
धरना पाॅलिटिक्स के बीच अब महापौर और अतिरिक्त आयुक्त एक- दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जुट गए है। मंगलवार को जहां राजेंद्र वर्मा ने महापौर पर एसटी-एससी का मामला दर्ज कराने की शिकायत दी है, वहीं बुधवार को महापौर मुनेश गुर्जर ने पलटवार करते हुए अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा को भ्रष्टाचार में लिप्त बताया। महापौर ने प्रेस वार्ता कर कहा कि निगम में कोई भी फाइल राजेंद्र वर्मा बिना भ्रष्टाचार के इधर-उधर नहीं करते है। उन्होनें दावा किया है कि निगम की बाढ़ नियंत्रण, सुलभ शौचालय और अस्थायी बीट की फाइलों में वर्मा ने भ्रष्टाचार किया है। इन फाइलों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। अगर जांच में सब सही होता है तो वे तुरंत अपना इस्तीफा समिति को सौंप देंगी।
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