राजस्थान में शिक्षा की संजीवनी बन रहे महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल

अजमेर। परिवार का पेट पालने और रोजमर्रा की चुनौतियों के साथ अपने नौनिहालों को बेहतरीन स्कूलों में पढ़ाई का सपना देख रहे कमजोर तबके के…

महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल

अजमेर। परिवार का पेट पालने और रोजमर्रा की चुनौतियों के साथ अपने नौनिहालों को बेहतरीन स्कूलों में पढ़ाई का सपना देख रहे कमजोर तबके के लिए राजकीय महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल शिक्षा की संजीवनी साबित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कमजोर तबके के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की पुनीत मंशा से आरंभ की गई इस महती योजना ने राजस्थान में शैक्षिक उन्नयन की तस्वीर और कमजोर तबके की तकदीर बदल कर रख दी है।

कुछ ऐसा ही मंजर है अजमेर के महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम सीनियर सेकंडरी स्कूल वैशाली नगर का। इस विद्यालय में पूर्व में विद्यार्थी केवल हिंदी माध्यम से शिक्षा प्राप्त करते थे। आज अंग्रेजी माध्यम का स्कूल बनने के बाद यहां की छटा ही बदल गई है, यह स्कूल साधारण स्कूल से स्मार्ट स्कूल के रूप में परिवर्तित हो गया है और 539 विद्यार्थी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। स्कूल के बच्चे जब फर्राटे से इंग्लिश में बात करते हैं तो लगता है कि किसी कान्वेंट स्कूल के बच्चों से बात हो रही है।

फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं स्कूल के बच्चे

स्कूल के नवीं कक्षा के छात्र आदित्य कुमार, छात्रा दिशा अलवानी और 11वीं की छात्रा वंशिका साहू जैसे कई बच्चे हैं जो साधारण और कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों से हैं। इन्हें जब गुणवत्ता के साथ-साथ कंप्यूटर शिक्षा जैसी सुविधाओं का लाभ मिल रहा है तो उन्हें लगता है कि वे अच्छी मेहनत और लगन से अपनी मंजिल अब सहज ही हासिल कर पाएंगे।
चाय की दुकान चलाकर पेट पालने वाले छात्रा दिशा के पिता के ऊपर पढ़ाई के लिए भारी खर्च उठाना बड़ी चुनौती थी। वे सरकार के माध्यम से अंग्रेजी माध्यम से दी जा रही शिक्षा को बच्ची के लिए सरकार की अनूठी सौगात मानते हैं।

महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल

कमजोर तबके को ऊंचा उठा रही है क्वालिटी एजूकेशन

आईएएस बनने का सपना लेकर चल रही साधारण मैकेनिक की बिटिया वंशिका से बात करने पर लगा कि यदि जीवन में कुछ करने का जज्बा हो तो कोई भी मंजिल बड़ी नहीं हो सकती। फर्राटेदार अंग्रेजी में जवाब देते हुए वंशिका क्वालिटी एजुकेशन के साथ ही स्कूल के बेस्ट एनवायरमेंट के लिए खुशी जाहिर करते हुए कमजोर तबके को ऊंचा उठाने के लिये सरकार का आभार जताती है।

गरीब-अमीर का भेद मिटा कर दी जा रही है शिक्षा

प्रधानाचार्य अपर्णा जैन का कहना है कि 2019 से प्री-प्राइमरी से लेकर अब तक स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा प्रदान की जा रही है। इसमें अमीर-गरीब का भेद किये बगैर सभी बच्चों को आदर्श वातावरण प्रदान कर गुणवत्ता शिक्षा देने के लक्ष्य के साथ ही सभी शिक्षक एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं। पर्याप्त स्टाॅफ है। प्राइमरी लेवल पर तो प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर गतिविधियों से आनंददायी शिक्षा का माहौल दिया जा रहा है, ड्रॉप आउट का तो विषय ही नहीं है। हाल ही हैदराबाद में आयोजित कला महोत्सव में भाग लेने गए विद्यालय के सभी बच्चों ने इंस्पायर अवार्ड जीतकर राज्य का नाम रोशन किया है।

स्कूल मेंं मिलती है हर सुविधा

विद्यालय की कक्षा 6 के मयंक और सोनू और कक्षा सात की जया खान जहां इंग्लिश मीडियम के अनुभव से रोमांचित हैं वहीं यह बच्चे सरकार से फ्री यूनिफॉर्म, शिक्षण सामग्री, मिड डे मील जैसी सुविधाओं से उन्हें औऱ उनके साधारण परिवार को मिल रहे संबल के लिए बरबस ही सरकार के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते नजर आते हैं। राज्य में शैक्षिक उन्नयन के सरकार के भगीरथी प्रयास निश्चय ही पूर्ण लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के धरातल पर पूरी तरह खरे साबित होंगे।

( रिपोर्ट- नवीन वैष्णव )

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