Kailash Meghwal : जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने के बाद बगावत कर निर्दलीय ताल ठोकने वाले उम्मीदवारों पर अब भाजपा ने सख्त रुख अपनाना शुरू कर दिया है। बीजेपी ने मंगलवार को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं शाहपुरा विधायक कैलाश मेघवाल को पार्टी से बगावत करने पर प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है। इस संबंध में राजस्थान भाजपा के प्रदेश अनुशासन समिति अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत ने आदेश जारी किए है। लेकिन, खास बात ये है कि कभी कैलाश मेघवाल ने अनुशासन समिति की कमान संभाली थी और अब खुद ही अनुशासन समिति का शिकार हुए है।
भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा से विधायक कैलाश मेघवाल का इस बार बीजेपी टिकट काटते हुए लालाराम बैरवा को मौका दिया है। ऐसे में कैलाश मेघवाल ने बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। ऐसे में पार्टी ने अब उन्हें निष्कासित करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्राथमिक सदस्य रहते हुए मेघवाल शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र के अधिकृत घोषित उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
कौन है कैलाश मेघवाल?
छह बार विधायक और तीन बार लोकसभा सांसद रहे कैलाश मेघवाल को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का काफी करीबी माना जाता है। मेघवाल राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष, भारत सरकार में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वह 14वीं लोकसभा में टोंक से सांसद रहे हैं।
इसके अलावा वो 2003 से 2004 तक वह सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री भी रहे। वो अनुशासन समिति की कमान भी संभाल चुके है। मेघवाल के नाम 1977 के चुनावों के बाद से लेकर अब तक की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड भी है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में मेघवाल ने 74542 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी और वो राजस्थान के सबसे उम्रदराज विधायक है।
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