Jat Movement In bharatpur : जयपुर। भरतपुर-धौलपुर के जाट पिछले 25 साल से केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे है। लेकिन, अभी तक कुछ नहीं हो पाया है। ऐसे में अब भरतपुर-धौलपुर के जाटों ने आर-पार की लड़ाई शुरू कर दी है। भरतपुर जिले में उच्चैन के जयचौली गांव के रेलवे ट्रेक के पास आज से आरक्षण आंदोलन शुरू गया है। इसी बीच किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस-प्रशासन भी मुस्तैद है।
आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन की लड़ाई दोनों जिले का जाट समाज 1998 से लड़ता आ रहा है। गत 25 सालों से आरक्षण की लड़ाई के लिए कागज की पूर्ति हम करते आ रहे हैं, सभी कानूनी कार्रवाई पूरी होने के बाद भी सरकार दोनों जिलों के जाटों का मखौल उड़ा रही है। अब जाट समाज इससे तंग आ चुका है। इस बार समाज आर-पार की लड़ाई के मूड में है।
नेम सिंह ने कहा कि जयचौली गांव के रेलवे ट्रैक के पास आज से महापड़ाव शुरू होगा। शुरुआत में आंदोलन का रूप गांधीवादी तरीके से होगा। हमने सरकार को 7 से 17 जनवरी तक का समय दिया था, लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक कोई पहल नहीं हुई है। इसके चलते हम आंदोलन शुरू करेंगे। सरकार गांधीवादी तरीके को गंभीरता से लेते हुए जाट समाज की वाजिब मांगे पूरी करें तो हम सरकार को धन्यवाद देंगे। अगर सरकार गांधीवादी तरीके को हमारी कमजोरी समझे, तो यह सरकार की बहुत बड़ी भूल होगी। हम पूर्ण रूप से आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
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पुलिस-प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद
इधर, जाट समाज द्वारा आंदोलन की चेतावनी के बीच पुलिस ने भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयारी कर ली है। मंगलवार को आईजी रुपिंदर सिंह, कलेक्टर लोक बंधु और पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने जयचोली पहुंच कर वहां की व्यवस्था का जायजा लिया है।
25 साल से कर रहे आरक्षण की मांग
भरतपुर और धौलपुर के जाटों को केंद्र की सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिए जाने की मांग साल 1998 से चली आ रही है। साल 2013 में केंद्र की मनमोहन सरकार ने भरतपुर और धौलपुर जिले के साथ अन्य 9 राज्यों को जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण दिया था। साल 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो कोर्ट का सहारा लेकर 10 अगस्त 2015 को भरतपुर-धौलपुर के जाटों को केंद्र में राज्य में ओबीसी आरक्षण खत्म कर दिया था। 23 अगस्त 2017 को वसुंधरा राजे ने दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी में आरक्षण दिया, लेकिन केंद्र में नहीं मिला। उल्लेखनीय है कि राजस्थान के बाकी हिस्सों के जाटों को केंद्र में आरक्षण मिलता है। केवल भौगोलिक आधार पर भरतपुर-धौलपुर के जाटों को आरक्षण से वंचित रखा गया है।