भरतपुर। केंद्र की सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर-धौलपुर जिले के जाटों का जयचोली गांव में महापड़ाव अनवरत जारी है। आंदोलन के बीस दिन होने के बावजूद केंद्र सरकार की ओर से वार्ता की पहल नहीं करने से आंदोलनकारियों में रोष पनप रहा है। अब महापड़ाव स्थल पर जाट समाज के 19 महिला-पुरुषों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। जाट समाज ने अब रेलवे ट्रैक जाम करने का निर्णय लिया है। इसके तहत बुधवार को दोपहर 12 बजे दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक जाम करने की घोषणा की गई है। इस महापड़ाव में तीनों जिलों के जाट समाज के लोग शामिल हैं।
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार का कहना है कि हम गांधीवादी तरीके से आंदोलन करते हुए सरकार से वार्ता का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन प्रतिनिधि मंडल को अभी तक वार्ता का निमंत्रण नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि समाज कई वर्षों से अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है। प्रदेश में भरतपुर और धौलपुर के जाटों के साथ दोगला व्यवहार किया जा रहा है।
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केवल भरतपुर और धौलपुर को छोड़कर सभी जिलों के जाटबंधुओं को केंद्र की नौकरी में आरक्षण दिया जा रहा है तो फिर दो जिलों साथ ही इस तरह का व्यवहार कदापि ठीक नहीं है। नेमसिंह ने कहा कि इस बार किसी भी सूरत में आरक्षण लेकर मानेंगे। इसके लिए हम आरपार का संघर्ष करने को तैयार। उन्होंने कहा कि जब तक आरक्षण नहीं मिल जाता हमारा आंदोलन जारी रहेगा। यह हमारे बच्चों के भविष्य का सवाल है। इसके लिए किसी भी स्थिति में आरक्षण लेकर ही महापड़ाव समाप्त किया जाएगा।
17 जनवरी से जारी है महापड़ाव
केंद्र की नौकरियों में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर 17 जनवरी से जाटों का जयचोली गांव में महापड़ाव चल रहा है। सीएम भजन लाल शर्मा ने जाट समाज की 11 सदस्यों की कमेटी को वार्ता के लिए जयपुर बुलाया था। सीएम से पहले सरकार द्वारा बनाई गई 2 विधायक और 2 मंत्रियों की कमेटी से प्रतिनिधियों की वार्ता होनी थी। इसके तहत यह वार्ता तो हो गई, लेकिन प्रतिनिधि मंडल की ओर से जयपुर में दो दिन तक इंतजार के बावजूद सीएम से वार्ता नहीं कराई गई। इसके बाद केंद्र से वार्ता के लिए न्योता आया था। जब से जाट समाज बुलावे का इंतजार कर रहा है। 4 फरवरी को जाट समाज ने केंद्र सरकार को चेतावनी देने के बाद अनशन शुरू कर दिया है।
अनशन में ये हुए शामिल
जयचोली में चल रहे महापड़ाव स्थल पर रविवार से नेम सिंह फौजदार, सत्यवीर सिंह, सूरज सिंह, हुब्ब लाल, धारा सिंह, पूरन, महेंद्र, महाराज सिंह, जय सिंह फौजी, विजय सिंह चौधरी, मोराध्वज, भोगी राम, विरमा, विमला देवी, पिस्ता, सुमन, बबली और यमुना देवी अनशन पर बैठ गए। उनका कहना है कि गांधीवादी तरीके से हमारा आंदोलन चल रहा है, लेकिन इसको सरकार हमारी कमजोरी मान रही है। मंत्री विधायकों की कमेटी से बातचीत के बाद केंद्र सरकार की ओर से वार्ता का इंतजार किया जा रहा है। जबकि सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही।
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