जैसलमेर। करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक और सामाजिक समरसता के प्रणेता बाबा रामदेवरा के 639वें भादवा मेले की शुरूआत हो चुकी है। बाबा रामदेवरा के मेले में दर्शन करने के लिए देश-विदेश से लोग यहां पहुंच रहे हैं। ऐसे में चारों तरफ मेलार्थी ही नजर आ रहे हैं। ऐसे में प्रशासन ने श्रद्वालुओं के लिए खाने-पीने से लेकर ठहरने तक का विशेष इंतजाम किया है।
बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन करने आए अधिकांश लोग मेला चौक में लगी विभिन्न दुकानों पर पहुंचकर अपने-अपने पसंद के व्यंजन भी खा रहे हैं। बाबा रामदेवजी के दर्शन के लिए आए श्रद्वालुओं के लिए जोधपुर के विश्व विख्यात मावे की कचौड़ी इन दिनों रामदेवरा मेले में अपनी विशेष धूम मचा रही है।
दूर-दूर रामदेवरा पहुंचे लोग दर्शन करने के बाद इन दुकानों पर पहुंचकर सुबह से लेकर देर शाम तक इनका जायका और स्वाद ले रहे हैं। ऐसे में मेला परिसर के आसपास अलग-अलग स्थानों पर जोधपुर के नामी गिरामी मिर्ची बड़े इन दिनों यहां पर बनते और बिकते देखे जा सकते हैं। जोधपुर से आए दुकानदार जैसलमेर के रूणिचा धाम में श्रद्वालुओं की सुविधा को देखते हुए बेहद कम रेट पर मिर्ची बड़े, मावे की कचौरी, समोसा, कोफ्ता, प्याज की कचौरी उपलब्ध करवा रहे हैं।
सब्सिडी रेट पर मिल रहे समोसा, कोफ्ता, मिर्ची बड़ा..
जोधपुर से श्रीरामसापीर सेवा समिति के संचालक राजेंद्र देवड़ा ने बताया कि श्रद्धालुओं की मांग के अनुरूप सुबह से दो दर्जन से अधिक कारीगर मिर्ची बड़े बनाने में जुटे रहते हैं। लेकिन इसके बाद भी उनकी मांग पूरी नहीं हो पा रही है। हम सब्सिडी रेट के आधार पर सभी श्रद्धालुओं को सिर्फ 10 रुपए में ही समोसा, कोफ्ता, मिर्ची बड़ा, उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। वहीं, मावे की कचौड़ी, जो देसी घी और मावे से बनी हुई उसे सिर्फ 20 रुपये में ही दी जा रही है।
ऐसे में आम और खास लोगों के साथ गरीब तबके के लोग भी दर्जनों की तादाद में इसे यहां से खरीद कर अपने साथ ले जा रहे हैं। दुकानों के बाहर बैठकर भी सपरिवार इसका स्वाद और जायका भी ले रहे हैं। रामदेवरा सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के सभी लोग सब्सिडी रेट में प्याज की कचौड़ी, मावे की कचौड़ी और मिर्ची बड़े खरीदने के लिए रामदेवरा पहुंच रहे हैं।