जयपुर। प्रदेश में नशा तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने विशेष अभियान चला रखा है। जयपुर में नशा तस्करों के खिलाफ ऑपरेशन ‘क्लीन स्वीप’ गति दे दी है। इसके जरिए नशे के तस्करों की कमर तोड़ने का काम लगातार किया जा रहा है। इसी अभियान के तहत जयपुर सीएसटी (क्राइम ब्रांच) ने धौलपुर में बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस कमिश्नरेट की सीएसटी टीम ने बाड़ी सदर धौलपुर में कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय मादक पदार्थ तस्कर सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया हैं।
पुलिस ने तस्करों से 5 क्विंटल गांजा बरामद किया है। पुलिस ने आरोपियों से परिवहन में प्रयक्त ली जाने वाली 2 कार को भी जब्त किया है। जयपुर के अति. पुलिस आयुक्त (प्रथम) कैलाश चंद विश्नोई ने बताया कि शहर में ‘ऑपरेशन क्लीन स्वीप’ अभियान के तहत अवैध मादक पदार्थ बेचने वाले पांच तस्करों को गिरफ्तार किया हैं। एसीपी कैलाश चंद विश्नोई के निर्देश पर जयपुर एसीपी चिरंजीलाल मीणा के नेतृत्व में जयपुर सीएसटी की टीम का गठन किया गया।
सीएसटी टीम के कांस्टेबल महेन्द्र कुमार ने तकनीकी सहायता एवं मुखबिर से मिली सूचना पर धौलपुर की बाड़ी थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय तस्कर सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया हैं। गिरफ्तार किए आरोपियों में लेखराज मीना उर्फ मोनू पुत्र हरिकृष्ण मीना, साबिर खां मुंशी खॉ, अमजद पुत्र मकसूद, देशराज मीना पुत्र रामजीलाल मीना और वाकिब पुत्र रफीक अहमद को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से करीब 05 क्विंटल गांजा, और दो वाहनों को जब्त किया है। धौलपुर के बाड़ी थाना पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है।
पुलिस की पूछताछ में आरोपी लेखराज मीना उर्फ मोनू ने बताया कि उसने बीटेक की पढ़ाई कर रखी है। लेखराज पूरे गिरोह का मास्टरमाइण्ड है। आरोपी लेखराज ही अपने साथियों के साथ गांजे की तस्करी करता है। सभी तस्कार राजस्थान से रवाना होते से पहले नई मोबाइल सिम खरीदकर उडीसा जाते है।
इसके बाद वहां से गांजा खरीदने के बाद उड़ीसा से नई मोबाइल सिम खरीदते हैं। इंटरनेट यूज करने के लिए डोंगल से वाई-फाई कनेक्ट करके एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं। इसके बाद मादक पदार्थ गांजा को उड़ीसा से 7-8 हजार रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से खरीद कर 13-14 हजार रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बेचते और सप्लाई करते है। आरोपी गांजा को करौली के सपोटरा और दिल्ली में रवि मीना को सप्लाई करते है। रवि मीना जिसकी एवज में आरोपियों को हर बार डेढ़ लाख रुपये देता था। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों से कई और वारदातों का खुलासा कर सकती है।