जयपुर: राजस्थान कांग्रेस ने सोमवार को प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए नई टीम का ऐलान किया जहां कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने 48 महासचिव, 21 उपाध्यक्ष, 121 सचिवों के नाम पर मुहर लगा दी. वहीं लंबे इंतजार के बाद आखिरकार 25 जिलाध्यक्षों की भी नियुक्ति की गई. दरअसल 2020 में पायलट खेमे की बगावत के बाद कार्यकारिणी भंग कर दी गई थी जिसके बाद से अब तक प्रदेश कार्यकारिणी में महज 39 पदाधिकारी थे.
वहीं संगठन में नियुक्तियों को देखकर बताया जा रहा है कि इन नियुक्तियों में सीएम अशोक गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा गुट की चली है. वहीं खुद डोटासरा ने अपनी नई टीम को काफी संतुलित किसी भी तरह की खेमेबाजी को खारिज कर दिया है. डोटासरा ने दावा करते हुए कहा कि राज्य में कांग्रेस एकजुट है और इसी एकजुटता के साथ आने वाले विधानसभा चुनावों में उतरेगी.
नई टीम पूरी तरह से संतुलित
दरअसल राजस्थान में 6 महीने बाद चुनावों का बिगुल बजने वाला है और कार्यकर्ता काफी समय से कार्यकारिणी के विस्तार का इंतजार कर रहे थे. वहीं अब जारी किए करीब 300 से ज्यादा नामों में डोटासरा की नई टीम तैयार की गई है जहां खुद उन्होंने टीम को काफी संतुलित बताया है.
बता दें कि कार्यकारिणी में करीब 60 फीसदी युवा हैं जहां सभी वर्गों से चेहरों को जगह दी गई है. डोटासरा ने नई टीम आने के बाद कहा कि हम चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार है और गहलोत सरकार के कामकाज को अब जनता के बीच लेकर जाएंगे. उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने काफी योजनाएं हर वर्ग के लिए शुरू की है ऐसे में अब उन योजनाओं को जनता तक पहुंचना हमारी प्राथमिकता होगी.
एकजुटता होगा कांग्रेस का चुनावी हथियार
डोटासरा ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘कांग्रेस में कोई भी खेमा नहीं है यहां सिर्फ राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे का ही खेमा है और हम सब कांग्रेस के सिपाही की तरह हैं. पीसीसी चीफ ने कहा कि कांग्रेस एकजुट है और आगे भी हमेशा एकजुट रहेगी. उन्होंने कहा कि हम 2023 का विधानसभा चुनाव जीतेंगे.