जयपुर: राजस्थान सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना’ के लिए सामान खरीद में देरी और विवाद के बीच अब अहम फैसला लिया गया है जहां सरकार ने इस योजना का काम जिला कलेक्टरों की अध्यक्षता वाली जनपद स्तरीय समितियों से करवाने का फैसला किया है. जानकारी के मुताबिक अब ये समितियां योजना के लिए सामान खरीदकर उन्हें खाद्यान्न पैकेट के रूप में लाभार्थियों को वितरण करने का काम करेंगी.
मालूम हो कि पहले यह काम सहकारिता विभाग को दिया गया था. बता दें, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुफ्त अन्नपूर्णा भोजन पैकेट योजना का ऐलान फरवरी में किया था. बताया जा रहा है कि सामान खरीदने में सहकारिता विभाग की ओर से निविदा प्रक्रिया में देरी के चलते यह काम अब जिला कलेक्टरों की देखरेख में किया जाएगा.
वहीं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के दायरे में आने वाले लगभग एक करोड़ परिवारों के लिए मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना की शुरूआत की गई है जहां इन परिवारों को फूड पैकेट बांटे जाएंगे.
पैकेट में क्या होगा?
बता दें कि इस योजना के तहत दिए जा रहे हर एक पैकेट में चना दाल, चीनी, नमक (एक-एक किलो), खाद्य तेल (एक लीटर), मिर्ची पाउडर और धनिया पाउडर (100-100 ग्राम) और हल्दी पाउडर 50 ग्राम होगा. वहीं लाभार्थियों को लगभग 370 रुपए प्रति पैकेट (सभी व्ययों सहित) की लागत से फूड पैकेट आपूर्ति करने पर सरकार लगभग 392 करोड़ रुपए मासिक खर्च करने जा रही है.
इसके साथ ही फूड पैकेट का लाभा लेने के लिए राज्य में चल रहे महंगाई राहत शिविर में इस योजना के लाभार्थियों का पंजीकरण भी किया जा रहा है. बता दें कि यह योजना मुख्यमंत्री गहलोत के 19000 करोड़ रुपए के महंगाई राहत पैकेज का ही एक हिस्सा है जिसकी घोषणा उन्होंने जनता को महंगाई के बोझ से राहत दिलाने के लिए की थी.
किसे मिलेगा फूड पैकेट?
सरकार की योजना के मुताबिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के दायरे में आने वाले लगभग एक करोड़ परिवारों को मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना के तहत राशन दिया जाएगा. वहीं महंगाई राहत कैंप में रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद लाभार्थियों को अन्नपूर्णा किट दी जाएगी. बता दें कि इस योजना के तहत अब तक 99 लाख, 57 हजार, 112 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं.
कहां मिलेगा यह पैकेट?
बता दें कि खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी सहकारिता विभाग को फूड पैकेट बांटने के काम पर नाराजगी जताई थी जिसके बाद अब जिला स्तर पर कमेटी यह काम करेगी. वहीं लाभार्थियों को वितरण के लिए भोजन के पैकेट तैयार कर उचित मूल्य की दुकानों (FPS) पर यह उपलब्ध कराए जाएंगे.