जयपुर। प्रदेश में सबसे ज्यादा नाबालिग बालिकाओं के साथ यौन शोषण उदयपुर में हो रहा है। उदयपुर में सबसे ज्यादा अन्य जिलों के मुकाबले 101 नाबालिग बालिकाओं के साथ वर्ष 2023 में यौन शोषण की घटनाएं हुई है। सच बेधड़क ने सभी जिला पुलिस द्वारा नाबालिग बालिकाओं के साथ हुई दरिदंगी के दर्ज किए गए पोक्सो एक्ट के तहत मामलों को खंगाला तो यह हकीकत सामने आई है।
पड़ताल में सामने आया कि प्रदेश में पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत 1722 मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन हैरानी वाली बात है कि नाबालिगों के साथ हुई दरिंदगी की 331 घटनाओं को पुलिस ने जांच में झूठी मानी है। अब सवाल है कि क्या किसी के दबाव में नाबालिग बालिकाओं ने घटना होने से इनकार कर दिया या फिर परिजनों ने अपनी मासूम बेटी से जबरन दुष्कर्म का ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई है?
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पुलिस ने दर्ज मामले में से 1077 प्रकरणों में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करके उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर दिया। इन मामलों में कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ ट्रायल शुरू हो गई। वहीं 286 मामलों की जांच अभी तक चल रही है। जबकि पोक्सो एक्ट के तहत पुलिस ने मामला दर्ज होने के एक माह के भीतर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने और दो माह के भीतर जांच करके उसके खिलाफ चालान पेश करके छह माह में कोर्ट से सजा दिलाने का प्रावधान बनाया था, लेकिन अभी तक पुलिस कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ है।
इन जिलों में अपराधों में इजाफा
जिला पुलिस द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की माने तो सलुंबर, जैसलमेर व ब्यावर में 100 फीसदी तक नाबालिगों के साथ यौन शोषण के अपराध बढ़े हैं, जबकि राजसमंद, उदयपुर, पाली, बाड़मेर, गंगानगर, अनुपगढ़, दौसा, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण व डीडवाना कुचामन में अपराध 25 से 50 फीसदी तक बढ़े हैं। वर्ष 2023 में 30 जिलों में यौन शोषण के अपराध बढ़े हैं, जबकि जयपुर पूर्व, जोधपुर ग्रामीण, कोटा शहर व हनुमानगढ़ में अपराध न तो घटे हैं और ना ही बढ़े हैं।
इन जिलों में यौन शोषण के अपराध घटे
पड़ताल में सामने आया कि 22 जिलों में नाबालिगों के साथ वर्ष 2022 के तुलना में साल 2023 में यौन शोषण के अपराध घटे हैं। इनमें नागौर, के कड़ी, शाहपुरा, जयपुर पश्चिम, जयपुर ग्रामीण, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल, सीकर, नीम का थाना, बीकानेर, सवाई माधोपुर, धौलपुर, जोधपुर पश्चिम, जोधपुर पूर्व, जालोर, सांचोर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिला शामिल है। इनमें से 14 जिलों में 20 से 50 फीसदी तक अपराध कम हुए, जबकि 8 जिलों में 1 से 15 फीसदी तक अपराध यौन शोषण के अपराध घटे हैं।
कार्रवाई के बाद भी चालान पेश करने में देरी
पड़ताल में सामने आया कि यौन शोषण के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में 40 जिलों की पुलिस 100 फीसदी मामलों में चालान पेश कर रही है, लेकिन जयपुर पूर्व, ब्यावर, सवाई माधोपुर, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, जोधपुर ग्रामीण, बारां व भीलवाड़ा की पुलिस 80 से 95 फीसदी मामलों में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश नहीं कर पाई है।
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