जयपुर। मुक्ताकांशी मंच पर अकबर-बीरबल के प्रसंग सामने आए। कलाकारों ने दोनों प्रसिद्ध लोगों को अभिनय के जरिए उनके संबंधों को खूबसूरती से प्रदर्शित कर कला प्रेमियों को दोस्ती का संदेश भी दिया। नजारा था पंडित जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी जयपुर की ओर से आयोजित ‘जवाहर बाल साहित्य महोत्सव’ की शुरुआत में नाटक के मंचन का। मंगलवार को जवाहर कला केंद्र में महोत्सव के पहले दिन रंगायन सभागार में आयुषी दीक्षित केनिर्देशन में ‘अकबर-बीरबल के किस्से’ नाटक का मंचन किया गया।
कृष्णमय हुआ माहौल
विभिन्न भक्ति गीतों पर हुई प्रस्तुति ने माहौल कृष्णमय बना दिया। मयूर नृत्य में ब्रज की संस्कृति झलकी तो हर उम्र के लोग रोमांचित हो गए। कार्यक्रम में पं. जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी के अध्यक्ष इकराम राजस्थानी, डॉ. नरेश दाधीच, टीकम चंद्र बोहरा, डॉ. रजनीश हर्ष, बुलाकी शर्मा उपस्थित रहे।
आज किए जाएंगे पुरस्कार वितरण
तीन दिवसीय उत्सव के दूसरे दिन बुधवार को बाल साहित्य लेखन में अहम योगदान निभाने वाले साहित्यकारों को अकादमी की ओर से बाल साहित्य मनीषी पुरस्कार और 11 बाल साहित्य रचना पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। सुबह 11 बजे होने वाले समारोह में कला व संस्कृति मंत्री डॉ. बीडी कल्ला बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम में दिव्य दृष्टि बच्चों की गायन प्रस्तुति खास रहेगी। इसी के साथ 60 पुस्तकों का लोकार्पण किया जाएगा, जिसके लिए अलग-अलग विशेषज्ञ मंच पर मौजूद रहेंगे।
प्रसंगों से तैयार किया नाटक
नाटक अकबर और बीरबल के प्रसंगों को लेकर तैयार किया गया था। प्ले में आज की प्रासंगिकता के अनुसार अकबर और उसके करीबी बीरबल के बीच के मित्रवत संबंधों को मजेदार तरीके से दिखाने का प्रयास किया गया। इसी के साथ महोत्सव में राधा-कृष्ण की फूलों की होली का आयोजन हुआ।