जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर में दो दिन पहले एक परिवार के सामूहिक आत्महत्या के मामले में नया मोड़ सामने आया है। मंगलवार को एक युवक ने अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ सामूहिक खुदकुशी कर ली। परिवार के मुखिया का शव रेलवे ट्रैक पर मिला। जबकि पत्नी और दो मासूम बेटों का शव 10 किलोमीटर दूर नहर से निकाला गया।
बताया जा रहा है कि परिवार में न तो कोई आर्थिक तंगी थी और न ही पति-पत्नी के बीच कोई विवाद। फिर भी हंसते-खेलते इस परिवार ने आखिर क्यों ऐसा कदम उठाया? परिवार के सामूहिक सुसाइड मामले में चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। मृतक के ससुर ने बताया कि कंवरलाल पिछले एक साल से मानसिक रूप से परेशान था।
उसे डर था कि उसके घर में किसी प्रेत का साया है। उसे हर वक्त डर रहता था कि वो उसकी जान लेना चाहता है। कंवरलाल के ठीक होने की मन्नत लेकर उसे बाड़मेर में एक माताजी के मंदिर भी गए थे। इसके बाद कंवरलाल ठीक भी हो गया था। लेकिन, पिछले कुछ महीनों से उनके रिश्तेदारों में दो लोगों की लगातार मौत होने के बाद उसकी तबीयत फिर से बिगड़ गई थी। हम फिर से कंवरलाल को मंदिर ले जाने वाले थे, उससे पहले ही उसने पत्नी और दो बच्चों के साथ सुसाइड कर लिया।
पहले ही तय कर लिया था परिवार को खत्म करेगा
बता दें कि 27 फरवरी की शाम को जोधपुर के तिंवरी में कुम्हारों का मोहल्ला निवासी कंवरलाल (28) पुत्र मदनलाल आचार्य ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। कंवरलाल ने सुसाइड़ से पहले अपनी पत्नी पूनम (26) और दो बेटे सौरभ (4) व भरत (7) को राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल में फेंक दिया। चारों जान देने के लिए नहर में कूदे थे, लेकिन कंवरलाल डूब नहीं पाया तो ट्रेन के आगे कूद गया।
परिजनों से पता चला कि कंवरलाल ने तय कर लिया था कि वो अपने साथ पूरे परिवार को खत्म करेगा। 27 फरवरी की सुबह कंवरलाल पूरी प्लानिंग के साथ घर से निकला था। किसी को शक नहीं हो इसके लिए उसने 27 फरवरी की सुबह अपने पिता को बताया कि उसके सीने में दर्द हो रहा है। वो डॉक्टर को दिखाने के लिए जोधपुर जा रहा है। उसकी पत्नी को भी नाक में कुछ परेशानी है तो दोनों साथ चले में गए। उसने अपनी पत्नी से दोनों बच्चों को जोधपुर घुमाकर लाने की बात भी कही। इसके बाद कंवरलाल अपने बेटे भरत को लेने स्कूल पहुंच गया।
बच्चों को घूमाने के कहकर साथ लेकर गया
इसके बाद कंवरलाल अपनी पत्नी और बच्चों को जोधपुर जाने के बहाने बाइक पर बिठाकर सुबह 10 बजे घर से निकल गया। इसके बाद वो घर से करीब पांच किलोमीटर दूर नहर के पास गया। वहां उसने धोखे से पहले अपने बच्चों को नहर में फेंका फिर पत्नी के साथ नहर में कूद गया। उसने पत्नी और बच्चों को धोखे से नहर में कूदा था।
पत्नी और दोनों बच्चों के साथ कंवरलाल ने भी नहर में कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था। उसकी पत्नी और दोनों बच्चे तो नहर में डूब गए, लेकिन वो बच गया। इसके बाद कंवरलाल नहर से बाहर आकर अपनी बाइक लेकर करीब 5 किलोमीटर दूर रेलवे ट्रैक पर गया। इस ट्रैक से दोपहर में एक ही ट्रेन निकलती है, जिसके आने का समय दोपहर में 12 से 2 बजे बीच है। कंवरलाल को पता था कि ट्रेन आने वाली है। उसने ट्रेन के आगे कूदकर खुदकुशी कर ली।