भक्ति की जीत और आसुरी शक्तियों के विनाश का होली पर्व फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के मौके पर सोमवार को मनाया जाएगा, वहीं मंगलवार को धुलंडी पर्व मनाया जाएगा। दूसरी तरफ देश के पूर्वी राज्यों में मंगलवार को होलिका दहन और बुधवार को धुलंडी पर्व मनाया जाएगा। इस बार पृथ्वी लोक की भद्रा के चलते देश में दो दिन होलिका दहन किया जा रहा है। ज्योतिष मर्मज्ञ पं. केदारनाथ दाधीच ने बताया कि धर्मसिंधु व अन्य ग्रंथों में फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन भद्रा रहित प्रदोषकाल में होलिका दहन करने का विधान है।
इस बार देश के पूर्वी राज्यों को छोड़कर अन्य राज्यों में सोमवार को पूर्णिमा तिथि प्रदोषकाल में रहेगी। इस बार फाल्गुन पूर्णिमा 6 मार्च को दोपहर 4:18 बजे से शुरू होगी, जो 7 मार्च को शाम 6:18 बजे तक रहेगी। ऐसे में प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा सोमवार को रहेगी। वहीं पूर्वी भारत के कुछ राज्यों में पूर्णिमा दो दिन प्रदोष व्यापिनी रहेगी। इसके चलते उन राज्यों में 7 मार्च को भद्रा रहित प्रदोषकाल में होलिका दहन किया जाएगा। सोमवार को ही दोपहर 4:18 बजे से भद्रा भी शुरू हो जाएगा, जो 7 मार्च को सुबह 5:14 बजे तक रहेगी। पं. दाधीच ने बताया कि होलिका दहन के लिए कुछ नियम बताए गए हैं।
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यदि भद्रा मध्यरात्रि से आगे सुबह तक चली जाए और भद्रा पुच्छकाल भी मध्यरात्रि से आगे चला जाए तो होलिका दहन प्रदोषकाल भद्रा में ही कर लेना चाहिए। इसी प्रकार एक अन्य नियम के अनुसार यदि पहले दिन प्रदोषकाल में भद्रा हो तथा दूसरे दिन पूर्णिमा प्रदोषकाल तक नहीं हो तथा दूसरे दिन पूर्णिमा साढ़े तीन प्रहर या इससे अधिक समय तक हो तब अगले दिन प्रदोष काल में होलिका दहन करना चाहिए।
इसलिए पूर्वी राज्यों में होलिका दहन 7 को
भारत के पूर्वी राज्यों जिनमें सूर्यास्त 7 मार्च को 6:10 बजे से पहले होगा, वहां पूर्णिमा दो दिन प्रदोष व्यापिनी रहेगी। ऐसे में वहां 7 मार्च को होलिका दहन प्रदोषकाल में किया जाएगा। क्योंकि पहले दिन पूर्णिमा भद्रा से दूषित रहेगी। भारत के पूर्वी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, पश्चिमी बंगाल, असम आदि राज्यों में 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा।
राज्यपाल मिश्र और सीएम गहलोत ने प्रदेशवासियों की दी शुभकामनाएं
राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने प्रदेशवासियों को होली और धुलंडी की शुभकामनाएं देते हुए सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए कामना की है। राज्यपाल मिश्र ने कहा कि होली का त्योहार सामाजिक समरसता का प्रतीक है। यह पर्व जन-जीवन को उमंग और उल्लास से भर देता है। उन्होंने रंगों के इस पर्व को आपस में मिलजुल कर मनाने का सभी से आह्वान किया है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे समरसता, सद्भाव और भाईचारे के साथ आगे बढ़ते हुए प्रदेश की उन्नति में भागीदार बनें। सामाजिक बुराइयों, विषमताओं, कुरीतियों और नकारात्मकता का दहन कर नई सोच, आचरण और उमंग के साथ होली का स्वागत करें।
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