जयपुर। प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) के गहलोत सरकार के खिलाफ धरने को लेकर उनसे आलाकमान नाराज चल रहा है तो वहीं विपक्षी पार्टियों ने उनका साथ दिया है। जिसमें आम आदमी पार्टी, हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और भारतीय किसान यूनियन शामिल है। यूपी के अंबावत से तो भारतीय किसान यूनियन का एक दल भी सचिन पायलट के अनशन स्थल पर पहुंच गया है। उन्होंने पायलट को खुला समर्थन दिया है।
AAP-RLP भी Sachin Pilot के समर्थन में
RLP के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल तो सचिन पायलट को कांग्रेस छोड़ने तक की सलाह दे रहे हैं और अपने साथ आने का सुझाव दे रहे हैं। उन्होंने मीडिया में साफ-साफ कहा है कि सचिन पायलट (Sachin Pilot) उनके साथ आ जाएं तो वे सत्ता में आ सकते हैं और वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई भी करा सकते हैं। हनुमान बेनीवाल के सचिन को इस ऑफर के अलावा बीजेपी-कांग्रेस की धुर विरोधी आम आदमी पार्टी ने भी सचिन पायलट का समर्थन किया है। राजस्थान आप के प्रदेश प्रभारी विनय मिश्रा ने ट्वीट कर सचिन पायलट को समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि अगर राजस्थान को किसी ने लूटा है तो वह वसुंधरा जी और अशोक गहलोत जी ने। उनका तो अटूट गठबंधन है। जिसके कारण राजस्थान में सबसे ज्यादा 5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है।
मैं इस बात को हमेशा से कहता आया हूं कि कांग्रेस और भाजपा का अटूट गठबंधन है। अब तो खुद इनके नेता कह रहे हैं कि गहलोत जी और वसुंधरा जी मिलकर सरकार बना रहे हैं। यह बेहद गंभीर मामला है, बेहद भयावह भी है और राजस्थान की जनता को ठगा जा रहा है। मैं राजस्थान की जनता से आग्रह करता हूं कि एक पढ़ा-लिखा नौजवान सचिन पायलट जो इस गठबंधन को उजागर कर रहा है तो राजस्थान की जनता को उनका साथ देना चाहिए।
अब आगे क्या होगा?
सचिन पायलट (Sachin Pilot) के इस कदम से राजनीतिक विश्लेषक भी हैरान हैं। चारों ओर बस यह चर्चा चल रही हैं कि अब सचिन पायलट क्या करेंगे ? क्या वे कांग्रेस छोड़ने का मूड बना रहे हैं या फिर पार्टी में रहकर बगावत करने के सुर ही अलापेंगे ? जैसे उन्होंने साल 2020 में किया था। क्योंकि जिस तरह सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार और अपने मुख्यमंत्री के खिलाफ इस तरह का कदम उठाया है। उसी तरह एक समय पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मध्यप्रदेश में बगावत की थी, जिसका अंजाम सभी ने देखा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत छोड़कर पार्टी ही छोड़ दी।
विश्लेषकों में चर्चा है कि अब पायलट भी सिंधिया की राह चलते हुए पार्टी छोड़ सकते हैं। हालांकि इतना कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी क्योंकि इस राजनीतिक उथल-पुथल के डैमेज कंट्रोल में भी समय लगेगा। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से लगातार इस मामले में बातचीत कर रहे हैं। संभावना है कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व जल्द ही इस मामले को लेकर कोई फैसला करेगा।
Sachin Pilot के अनशन में अब तक पहुंचे ये नेता
पायलट (Sachin Pilot) के अनशन को विपक्षियों के साथ ही अपनी पार्टी के कांग्रेस नेताओं का साथ मिल रहा है। प्रदेश के खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने तो उनका खुला समर्थन किया है। इसके अलावा पायलट के अनशन स्थल पर कांग्रेस नेता सुरेश मिश्रा, राजू गुप्ता, नसीराबाद से पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर, पीसीसी मीडिया पैनलिस्ट किशोर शर्मा, पूर्व पार्षद धर्म सिंह सिंघानिया, मोहन मीणा, NSUI के पूर्व अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया, सेवादल के पूर्व प्रदेश मुख्य संगठक सुरेश चौधरी पहुंच चुके हैं।
इसके अलावा बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा भी पायलट का समर्थन देने के लिए शहीद स्मारक पहुंच गए हैं। इसके अलावा हमेशा चर्चा में बने रहने वाले कांग्रेस नेता गजेंद्र सांखला भी पायलट को समर्थन देने के लिए शहीद स्मारक पहुंच गए हैं। सांखला अक्सर मीडिया में बयान देते रहते हैं। वे सरकार के काफी करीबी माने जाते हैं। सांखला कांग्रेस के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी बेहद सक्रिय रहते हैं।