जयपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय के बाहर मंगलवार सुबह नेताओं के होर्डिंग्स पर कोई व्यक्ति सरकार की मंत्री जाहिदा खान के खिलाफ तीन अलग-अलग पोस्टर चस्पा कर गया। इसमें मंत्री पर ट्रांसफर के नाम पर तीन लाख रुपए लेने के आरोप लगाया गया है। शिक्षा राज्यमंत्री जाहिदा खान पर ट्रांसफर के नाम पर तीन लाख रुपए लेने और वापस नहीं लौटने के आरोप लगे यह पोस्टर देख एक बार तो पीसीसी के कर्मचारी भी सकते में आ गए। कर्मचारियों ने इसकी जानकारी कांग्रेस पदाधिकारियों को दी और आनन-फानन में तुरंत इन पोस्टर्स को फाड़ा।
कर्मचारियों ने बताया कि ऑफिस के बाहर लगे होर्डिंग्स पर कोई रात में या जल्द सुबह विवादित पोस्टर चिपका गया। तीनों पोस्टर्स पर अलग-अलग नाम से गुहार लगाई गई थी। कागजी पोस्टर्स पर हाथ से ही लिखा हुआ था कि “मुख्यमंत्री जी ट्रांसफर के नाम पर लिया मंत्री जाहिदा खान से मेरे तीन लाख दिला दो।’ निवेदक- एक गरीब किसान का बेटा। इसी तरह एक और पोस्टर दूसरे होर्डिंग पर चिपका हुआ था। जिस पर लिखा था “प्रभारी रंधावा जी मंत्री जाहिदा खान से हमारे पैसे दिला दो।’ इसी तरह एक और तीसरा पोस्टर चिपकाया गया, जिस पर लिखा था “राजस्थान सरकार की सबसे भ्रष्ट मंत्री जाहिदा खान विधायक कामां। निवेदक- दुखी शिक्षक।’
शिक्षा विभाग और भ्रष्टाचार के आरोप, चोली-दामन का साथ
शिक्षा विभाग में तबादलों को लेकर अक्सर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहते हैं। शिक्षा विभाग के एक कार्यक्रम में दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तबादलों में भ्रष्टाचार को लेकर पूछा गया था। इस पर सार्वजनिक तौर पर ही शिक्षकों ने तबादलों में भ्रष्टाचार की बात कह डाली थी। माना जाता है कि सरकार में शिक्षकों के तबादले और भ्रष्टाचार के आरोपों का चोली-दामन का साथ है। तबादलों को लेकर कोई साफ पॉलिसी नहीं होने से करप्शन के आरोप लगते रहते हैं। राजनीतिक सिफारिशों के आधार पर तबादले होते हैं। प्रदेश में ग्रेड थर्ड टीचर्स लंबे समय से तबादलों की मांग कर रहे हैं। उनके अब तक तबादले नहीं होने पर भी कई बार असंतोष सामने आ चुका है।
खंगाले जा रहे हैं सीसीटीवी
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर लगाए गए विवादित पोस्टर्स की चर्चा दिनभर पार्टी कार्यालय में होती रही। आखिर ये पोस्टर्स किसने लगाए, इसे लेकर पीसीसी के बाहर की इमारतों में लगे कै मरों को खंगाला जा रहा है। उधर प्रारंभिक बयान में कांग्रेस पदाधिकारी इसे किसकी शरारत बता रह हैं। साथ ही मामले में कार्रवाई की बात भी कह रहे हैं। वहीं इस मामले में शिक्षक संगठनों का कहना है कि हो सकता है कि शिक्षक को प्रड़ताड़ित किया गया हो और डर के कारण वो सामने नहीं आना चाह रहा हो। मामले की जांच होनी चाहिए। वहीं पार्टी भी इन पोस्टर्स को लेकर गंभीर नजर आ रही है। पार्टी पदाधिकारी इस कारगुजारी को करने वालों का पता लगाने में जुटे हैं।
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