जयपुर। राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में सप्ताहभर से आंदोलनरत निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स एक ओर देशव्यापी आंदोलन की तैयारी रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर गहलोत सरकार भी अब एक्शन के मूड में है। प्रदेश सरकार ने RTH बिल को लेकर जारी आंदोलन पर सख्ती की तैयारी शुरू कर दी है। चिकित्सा विभाग अब हड़ताल कर रहे अस्पतालों की सूचना एकत्र कर रहा है।
सभी सीएमएचओ को लिखा पत्र
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. आरपी माथुर ने सभी सीएमएचओ को पत्र लिखा है। जिसमें राइट टू हेल्थ बिल पर आंदोलन कर रहे अस्पतालों की रिपोर्ट मांगी है। बाकायदा एक तय फॉर्मेट में निजी अस्पतालों की विस्तृत सूचना मांगी गई है। निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. आरपी माथुर ने आज ही सभी फील्ड अधिकारियों को यह सूचना भेजने के निर्देश दिए है।
पत्र में मांगा गया ये ब्यौरा
पत्र में अस्पताल का नाम, पता, संचालक और मालिक का नाम बताने के साथ ही अस्पताल में बेड्स की संख्या और अस्पताल की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी मांगी गई है। पत्र मिलने के बाद सभी सीएमएचओ ने बिल के विरोध में हड़ताल करने वाले निजी अस्पतालों की लिस्ट तैयार करना शुरू कर दिया है। सरकार की मानें तो डॉक्टरों की सभी मांगें माने जाने के बाद भी वो बिल का विरोध कर रहे है। जबकि इस बिल से प्रदेश की जनता को काफी फायदा होगा।
पुलिस भी जुटा रही इस तरह की जानकारी
इधर, पुलिस ने भी काम छोड़कर विरोध में उतरे डॉक्टर्स के खिलाफ करवाई की तैयारी शुरू कर दी है। जयपुर पुलिस भी चिकित्सा विभाग की तरह जानकारी जुटाने में लगी हुई है। कमिश्नरेट ने शुक्रवार को जयपुर के सभी पुलिस थानाधिकारी को पत्र लिखकर उनके क्षेत्र में आने वाले प्राइवेट अस्पतालों की जानकारी मांगी थी। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त द्वितीय के आदेशों के अनुसार सूचना में अस्पताल का नाम संचालक एवं मालिक का नाम, अस्पतालों में बेड की संख्या और बंद या चालू की स्थिति मांगी गई है।